INDvsPAK: "हमारे जवान घर वापस नहीं आते और हम क्रिकेट खेलने जाते हैं", एशिया कप पर बड़ी बात बोल गए हरभजन सिंह; मीडिया को भी लपेटा Bihar News: CBI की विशेष अदालत में सृजन घोटाले का ट्रायल शुरू, पूर्व DM वीरेन्द्र यादव पर आरोप तय Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Feb 2025 09:26:56 AM IST
expressway - फ़ोटो AI
बिहार में भूमि अधिग्रहण में आ रही बाधाओं के कारण बहुप्रतीक्षित वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। राज्य के औरंगाबाद, गया, कैमूर और रोहतास जिलों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अधूरी है, जिसके कारण इस राजमार्ग परियोजना को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राज्य सरकार से शीघ्र भूमि अधिग्रहण करने का अनुरोध किया था। इसके बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और जिला प्रशासन ने विशेष शिविरों के माध्यम से प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरित करने की योजना बनाई। हालांकि, कई किसानों के बीच आपसी विवाद, भूमि के प्रकार को लेकर आपत्ति और मुआवजा दर पर असहमति के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है। इसके अलावा कुछ किसानों ने मध्यस्थता के मामले दायर कर दिए हैं, जिसके कारण वे मुआवजा लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
कहां अटका है एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट?
राज्य सरकार और एनएचएआई ने संयुक्त रूप से रैयतों को जागरूक करने और शीघ्र मुआवजा वितरण के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी प्रभावित रैयत जल्द से जल्द मुआवजा ले लें और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाए। जिन रैयतों के पास जरूरी कागजात नहीं हैं, उनसे जल्द से जल्द जमा करने की अपील की गई है।
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार के लिए गेम चेंजर प्रोजेक्ट साबित हो सकता है। इसके निर्माण से न केवल उत्तर भारत से पूर्वी भारत तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। अब देखना यह है कि सरकार भूमि अधिग्रहण की समस्याओं को कितनी जल्दी सुलझा पाती है और यह मेगा प्रोजेक्ट कब पटरी पर आता है