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1st Bihar Published by: Ranjan Kumar Updated Fri, 03 Oct 2025 10:18:15 PM IST
- फ़ोटो Reporter
Bihar News: कैमूर जिले के महेसुआ गांव में उस समय मातम छा गया जब जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान मौत के शिकार सीआरपीएफ जवान पप्पू राम का शव उनके पैतृक घर पहुंचा। जैसे ही पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान पूरे गांव में शोक और परिजनों में रोष का माहौल देखने को मिला।
परिजनों ने जवान की मौत को संदिग्ध बताया है और विभाग पर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है। जवान पप्पू राम के तीन छोटे बच्चे हैं—एक बेटा और दो बेटियां—जो अभी दूसरी और तीसरी कक्षा में पढ़ रहे हैं। परिवार अब बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है और सरकार से आर्थिक सहायता और स्थायी सुरक्षा की मांग कर रहा है।
परिजनों का कहना है कि विभाग की ओर से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया कि मौत कैसे हुई। विभाग इसे आत्महत्या बता रहा है, लेकिन परिवार इस पर भरोसा नहीं कर रहा। उनका कहना है कि घटना से कुछ ही समय पहले पप्पू राम ने अपने घरवालों से सामान्य तरीके से फोन पर बातचीत की थी, जिससे आत्महत्या की संभावना पर संदेह और गहरा गया है।
सीआरपीएफ के जवान नागेंद्र कुमार पाल, जो पास के ही अखलाशपुर गांव के निवासी हैं, पार्थिव शरीर को गांव तक लेकर आए। उन्होंने भी स्वीकार किया कि उन्हें मौत की वजह के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। मृतक के जीजा विकल्प कुमार ने पूरे मामले को संदिग्ध बताया और विभाग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई, तो वे मानवाधिकार आयोग और मीडिया के माध्यम से पूरे मामले को उजागर करेंगे। फिलहाल, महेसुआ गांव गहरे शोक में डूबा है। ग्रामीणों ने सरकार से जवान की मौत की निष्पक्ष जांच कराने और परिवार को आर्थिक सहायता देने की अपील की है।