1st Bihar Published by: RANJAN Updated Wed, 08 Oct 2025 05:45:18 PM IST
आचार संहिता का उल्लंंघन! - फ़ोटो सोशल मीडिया
KAIMUR: कैमूर के भभुआ स्थित जगजीवन मैदान में आयोजित खेल प्रतियोगिता में कुछ बच्चे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर लगी टी-शर्ट पहनकर पहुँचे थे। चुनाव की घोषणा के साथ ही बिहार में लगे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल बच्चों से टी-शर्ट उतरवाया। अब आचार संहिता के उल्लंघन पर सवाल उठ रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा के बाद से ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। इसके बावजूद कैमूर जिले के भभुआ स्थित जगजीवन स्टेडियम में जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में जिले भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन कैमूर जिला पदाधिकारी सुनील कुमार एवं भभुआ एसडीएम ने संयुक्त रूप से किया।
यह खेलकूद प्रतियोगिता 8 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक आयोजित की गई है। लेकिन इस दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसने प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। दरअसल, कुछ बच्चे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फोटो छपी टी-शर्ट पहनकर जगजीवन मैदान में पहुंचे हुए थे। जब मीडिया के कैमरे की नजर गई तो बच्चों की तस्वीरें कैद हो गयी। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया और आनन-फानन में उन बच्चों को टी-शर्ट बदलने का निर्देश दिया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पूरे राज्य में आचार संहिता लागू है, तब ऐसे टीशर्ट पहनने की अनुमति कैसे दी गई? यह सीधे तौर पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है। जिलाधिकारी और एसडीएम की मौजूदगी में यह घटना होना प्रशासनिक चूक भी मानी जा रही है।
वहीं, शारीरिक शिक्षा विभाग के उपाधीक्षक ओम प्रकाश कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि "जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 वर्ग के बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। किसी भी बच्चे को मुख्यमंत्री की तस्वीर वाला टीशर्ट पहनने की अनुमति नहीं थी। कुछ स्कूल के बच्चे गलती से वैसा टीशर्ट पहनकर आ गए थे, जिसे तुरंत हटवा दिया गया।"
हालांकि, सवाल यह है कि जब आचार संहिता लागू है तो ऐसी चूक कैसे हुई और इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? राजनीतिक प्रतीकों और तस्वीरों से जुड़े ऐसे मामलों में निर्वाचन आयोग सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दे चुका है। ऐसे में यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है कि क्या यह प्रशासनिक गलती थी या जानबूझकर हुआ आचार संहिता का उल्लंघन।




