1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 19 Jun 2025 10:46:28 PM IST
सीओ पर बड़ी कार्रवाई - फ़ोटो google
KISHANGANJ: बिहार सरकार ने राजस्व कार्यों में घोर लापरवाही और नियमों की अवहेलना के गंभीर आरोपों के चलते ठाकुरगंज की अंचलाधिकारी(CO) सुचिता कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एक शिकायत की जांच के बाद की गई है। जिसमें उन्हें फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर अवैध नामांतरण (दाखिल-खारिज) की मंजूरी देने का दोषी पाया गया है।
इस आदेश को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार ने राज्यपाल की अनुमति के बाद जारी किया है। निलंबन अवधि के दौरान सुचिता कुमारी का मुख्यालय पूर्णिया आयुक्त कार्यालय निर्धारित किया गया है, जहाँ उन्हें निवास करना अनिवार्य होगा। वे बिना पूर्व अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगी।
क्या है पूरा मामला?
किशनगंज के ठाकुरगंज भातगांव ग्राम पंचायत स्थित नेगराडूबा गांव निवासी मोहम्मद कसमुद्दीन द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार यह कार्रवाई की गई। शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया कि सीओ सुचिता कुमारी ने एक जाली केवाला (फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेज) के आधार पर अवैध नामांतरण की स्वीकृति दे दी, जबकि दस्तावेज़ की वैधता पर आपत्ति जताते हुए कसमुद्दीन ने आपत्ति पत्र और अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए थे।
इसके बावजूद अंचलाधिकारी द्वारा न तो आपत्ति पत्र को गंभीरता से लिया गया और न ही संबंधित रजिस्ट्री कार्यालय से दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि कराई गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने 7 अप्रैल 2025 को किशनगंज जिलाधिकारी को इस शिकायत की निष्पक्ष जांच करने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
जांच में सामने आईं गंभीर लापरवाही
किशनगंज के जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट दिनांक 29 अप्रैल 2025 को विभाग को सौंपी गई, जिसमें यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि सीओ ने दस्तावेज़ों की सत्यता की पुष्टि नहीं करवाई। आपत्ति पत्र को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। मांगे जाने पर उन्होंने संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सुचिता कुमारी का व्यवहार कर्तव्य के प्रति अत्यंत गंभीर उदासीनता को दर्शाता है, जिससे उनकी भूमिका पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है।
आगे की कार्रवाई क्या होगी?
निलंबन के साथ-साथ सुचिता कुमारी को जीवन-निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) दिया जाएगा, जैसा कि सेवा शर्तों में प्रावधान है। साथ ही, उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार कर उसे क्रियान्वित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज ने बताया कि उन्हें अब तक इस कार्रवाई से संबंधित कोई आधिकारिक पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन सोशल मीडिया पर संबंधित आदेश की जानकारी वायरल हुई है, जिसकी पुष्टि की जा रही है।