मुंगेर में चक्रवात मोनथा का असर: डायवर्सन के ऊपर बह रहा पानी, बारिश तेज हुई तो टूट सकता है रास्ता

मुंगेर में चक्रवात मोनथा का असर दिखने लगा है। लगातार बारिश से गंगटी नदी पर बने डायवर्सन के ऊपर पानी बह रहा है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। बारिश जारी रही तो डायवर्सन टूटने से तारापुर-खड़गपुर मार्ग बाधित हो सकता है। किसानों की फसले

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 01 Nov 2025 03:26:33 PM IST

बिहार

मोनथा ने मचाई तबाही - फ़ोटो सोशल मीडिया

MUNGER: मुंगेर में बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात 'मोनथा' का असर साफ दिख रहा है। इसके प्रभाव से जिले में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे मौसम का मिजाज बदल गया है। मुंगेर के हवेली खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग पर गंगटी नदी पर बने डायवर्सन के ऊपर अब पानी बह रहा है। जान जोखिम में डालकर लोग आवाजाही कर रहे हैं। देर रात यदि बारिश हुई तो डायवर्सन टूट सकता है। तारापुर-खड़गपुर मुख्य मार्ग बाधित हो सकता है।


मोनथा चक्रवातीय तूफान का असर मुंगेर में देखने को मिल रहा है। शुक्रवार की सुबह से लगातार हो रही बारिश ने क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसी क्रम में हवेली खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग स्थित राजा रानी तालाब के आगे गंगटी नदी पर बने अस्थायी डायवर्सन के ऊपर शुक्रवार की देर शाम से पानी बहने लगा है। पानी डायवर्सन के ऊपर से बहने के बावजूद स्थानीय लोग व वाहन चालक खतरा मोल लेकर आवागमन कर रहे हैं। बारिश तेज होने पर पानी का दबाव और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।


 ग्रामीणों का कहना है कि अगर बारिश इसी तरह जारी रहा तो डायवर्सन के टूटने का खतरा बढ़ सकता है, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाएगा। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल स्थिति का जायजा लेकर वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। इधर देर शाम डायवर्सन के ऊपर से पानी बहने लगा । वही डायवर्सन के ऊपर बह रहे पानी को कई वाहन चालक जान जोखिम में डालकर पर कर रहे हैं। वहीं लोगों का करना है कि लगा रात में भी इसी तरह बारिश हुईतो डायवर्सन पानी का दबाव नहीं झेल पाएगा और डायवर्सन बह भी सकता है। महिलाएं और बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर किसी तरह रास्ता पार कर रहे है। 


इनका कहना है कि इसके अलावे कोई रास्ता नहीं बचा है। लोगों का कहना है कि घर जाने में 5 किलोमीटर लगता लेकिन डायवर्सन पर पानी आ जाने के कारण वापस लौटना पड़ेगा और करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। 7 किलोमीटर एक्ट्रा चलना पड़ेगा। वही इस चक्रवात के कारण किसानों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। कटाई के लिए तैयार धान की फसल बारिश और तेज हवाओं से बुरी तरह प्रभावित हुई है। किसानों का कहना है कि उनकी सारी मेहनत पर मोनथा ने पानी फेर दिया है। किसानों का कहना है कि लगातार बारिश के चलते हवेली खड़गपुर नहर में पानी भर गया है। 


इस पानी का बहाव मनी नदी से होकर निकलता है, लेकिन मनी नदी के अत्यधिक सिकुड़ जाने के चलते पानी निकलने का रास्ता नहीं मिल पाया और बारिश का पानी खेतों में घुस गया। जिसके कारण तैयार धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना है कि अब यह फसल किसी काम का नहीं है। इसे मजबूरन मवेशियों को खिलाना पड़ेगा। नहीं तो खेत में रखे-रखे यह फसलें सड़ जाएगी। किसानों ने सरकार से फसल क्षति मुआवजे की मांग की है वही मनी नदी की सफाई और मरम्मती की मांग की है। 

मुंगेर से इम्तियाज खान की रिपोर्ट