1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Jun 2025 10:05:17 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत लगी सोलर लाइटों की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद पंचायती राज विभाग ने राज्य की सभी पंचायतों में व्यापक जांच का आदेश दे दिया है। विभाग के सचिव मनोज कुमार ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजकर 14 बिंदुओं पर सोलर लाइटों की गुणवत्ता, सिग्नल लॉस, फाल्टी लाइट्स, बैटरी और ल्यूमिनरी की स्थिति की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। यह कदम मुख्य सचिव की समीक्षा के बाद लिया गया है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत बिहार की हर पंचायत में कम से कम 10 सोलर लाइट्स लगाने का लक्ष्य है। प्रत्येक लाइट की लागत 30,000 रुपये है और अब तक मुजफ्फरपुर में 29,000 लाइट्स लगाई जा चुकी हैं, जबकि कुल 55,000 लाइट्स लगाने का लक्ष्य है। पंचायती राज विभाग ने शिकायतों के बाद सिग्नल लॉस, फाल्टी लाइट्स और रखरखाव की कमियों को गंभीरता से लिया है। जांच में 72 घंटे से अधिक समय तक सिग्नल लॉस वाली लाइट्स, फाल्टी बैटरी और ल्यूमिनरी की स्थिति का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन शामिल है। इसके लिए विशेष दल गठित किए गए हैं, जो ग्राम पंचायतों में जाकर स्थिति का जायजा लेंगे।
जांच के 14 बिंदुओं में शामिल प्रमुख पहलू हैं लक्ष्य के अनुरूप लगाई गई लाइट्स की संख्या, कार्यान्वयन एजेंसी का विवरण, पोल पर व्हाट्सएप नंबर का अंकन, सोलर पैनल की सफाई, नियमित रखरखाव और 72 घंटे में अक्रियाशील लाइट्स को ठीक करने की स्थिति। इसके अलावा, सोलर पैनल, बैटरी और ल्यूमिनरी की गुणवत्ता, साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा 45% राशि के भुगतान की स्थिति की भी जांच होगी। वैशाली के राघोपुर प्रखंड में हाल ही में निजी स्थानों पर लाइट्स लगाने की शिकायत मिली थी, ऐसे मामलों ने इस जांच को और जरूरी बना दिया है। पंचायती राज विभाग ने 17 एजेंसियों को शोकॉज नोटिस जारी किया है और सर्विस स्टेशनों की नियमित जांच का भी निर्देश दिया है।