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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Oct 2025 02:52:49 PM IST
साइबर ठगी - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के साइबर थाना पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने चार शातिरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिनमें अभिषेक पांडेय (यूपी के अमेठी जिले, गौरीगंज), कृष्ण कुमार सिंह, विक्रम कुमार सिंह (मधुबनी के धर्मडीहा) और गुड्डू कुमार (मुशहरी) शामिल हैं। इस मामले में प्रमोद चौधरी और डेढ़ दर्जन से अधिक अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। जांच के दायरे में यूपी और दिल्ली के 60 से अधिक बैंक अकाउंट्स शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, प्रमोद चौधरी और दिल्ली में बैठे अन्य शातिर कॉलिंग सेंटर के जरिए अमेरिका और अन्य देशों के लोगों को लक्ष्य बनाकर क्रिप्टो करेंसी निवेश का झांसा देते थे। टेलीग्राम एप का उपयोग कर लोगों को जोड़ा जाता और कम समय में बड़ी कमाई का वादा करके निवेश दिलवाया जाता। ठगी से प्राप्त राशि अलग-अलग खातों के माध्यम से एनजीओ के खाते में भेजी जाती थी, जिससे राशि पर कड़ी निगरानी नहीं होती थी।
जांच में सामने आया कि एनजीओ संचालक कृष्ण कुमार सिंह ने साइबर शातिरों से 1.4 प्रतिशत कमीशन तय किया था। लेकिन रकम की निकासी के बाद उन्होंने 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की, जिससे विवाद पैदा हो गया। यही विवाद पुलिस तक पहुंचने का कारण बना। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले में जुड़े अपराधियों ने गेमिंग एप, क्रिप्टो करेंसी और टेलीग्राम एप का इस्तेमाल कर निवेश के नाम पर विदेश में ठगी की योजना बनाई थी।
इस पूरे मामले में साइबर ठगी की राशि का बड़ा हिस्सा मधुबनी के एनजीओ के खाते में भेजा गया, जिससे आरोपियों को आसानी से पैसा निकालने का मौका मिला। पुलिस ने बताया कि साइबर ठगी के तार अमेरिका समेत कई देशों से जुड़े हैं और मामले की जांच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी की जा रही है।
मुजफ्फरपुर साइबर थाना ने चार आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल कर दी है। बाकी संलिप्त लोगों की पहचान और उनके बैंक खातों की जानकारी जुटाने के लिए जांच जारी है। इस मामले में साइबर अपराधियों ने तकनीकी और वित्तीय जाल बुनकर क्रिप्टो करेंसी निवेश और गेमिंग एप का दुरुपयोग किया, जिससे लाखों रुपये की ठगी हुई। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन निवेश और क्रिप्टो ट्रेडिंग के मामले में पूरी सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर ध्यान न दें।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराध अब सिर्फ स्थानीय नहीं रहे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल रहे हैं। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए साइबर अपराध विशेषज्ञों और तकनीकी टीमों की मदद ली है। वहीं, ठगी के शिकार लोगों को उनकी राशि की सुरक्षा और कानूनी मदद देने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस पूरे मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार चारों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अन्य संदिग्धों की भी पहचान कर उन्हें जल्द ही पकड़ने की योजना है। यह मामला साइबर ठगी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को सतर्क रहने की दिशा में एक चेतावनी है।