BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 24 Feb 2025 08:56:02 AM IST
जमीन - फ़ोटो
मुजफ्फरपुर शहर के जूरन छपरा इलाके में दरभंगा महाराज की 13 एकड़ जमीन की नीलामी सोमवार 24 फरवरी को होगी। इस नीलामी का आदेश कोलकाता हाईकोर्ट ने दिया है और इसके लिए नोटिस भी जारी किया जा चुका है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्थानीय प्रशासन को नीलाम होने वाली जमीन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। नीलामी आदेश के संबंध में अंचल अधिकारी (सीओ) और डीसीएलआर पूर्वी को कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। हाईकोर्ट के नोटिस के मुताबिक इस नीलामी से निजी और सरकारी दोनों तरह की जमीन प्रभावित हो सकती है। लेकिन प्रशासन ने इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक नीलामी से मिलने वाली राशि कोर्ट में जमा की जाएगी और फिर उसे संबंधित पक्षों में बांटा जाएगा। दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह की वसीयत के मुताबिक उनकी संपत्ति का एक चौथाई हिस्सा तिरहुत के लोगों को दिया गया था। ऐसे में इस नीलामी से पब्लिक ट्रस्ट को कम से कम 40 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। इतनी ही राशि महारानी कामसुंदरी को दिए जाने की उम्मीद है, जबकि बाकी राशि महाराजा के पोते-पोतियों में बांटी जाएगी।
यह जमीन 1 जनवरी 1935 को 99 साल की लीज पर बिहार सरकार को दी गई थी। हालांकि, 1961 में महाराजा पक्ष ने कोर्ट में केस किया, जिसके बाद 1964 में उनके पक्ष में फैसला आया। इसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी उनकी मांग खारिज हो गई। आखिरकार, कोलकाता हाईकोर्ट ने तीन महीने पहले 12.97 एकड़ जमीन को आम नीलामी के जरिए बेचने का आदेश दिया।
नीलामी के आदेश के बाद से ही इस जमीन पर प्रॉपर्टी डीलरों और कई रसूखदारों की नजर है। लेकिन राजस्व विभाग और प्रशासन के अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। डीसीएलआर पूर्वी संजय कुमार का कहना है कि उन्हें इस नीलामी से संबंधित कोई पत्र या आधिकारिक निर्देश नहीं मिला है। वहीं मुशहरी के अंचलाधिकारी महेंद्र शुक्ला ने भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि किस जमीन की नीलामी हो रही है। हालांकि उन्होंने कर्मचारियों को सरकारी और गैर सरकारी जमीन से संबंधित दस्तावेज तैयार रखने का निर्देश दिया है।