1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 18 Aug 2025 07:58:25 AM IST
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Bihar News: बिहार के मुजफ्फपुर जिले के कटरा प्रखंड के बंधपुरा चौर में रविवार की दोपहर एक हृदयविदारक हादसे में पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। यह हादसा गोरधोआ पुल के पास एक गहरे पानी भरे गड्ढे में हुआ, जहां ये बच्चे नहाने गए थे। मृतकों में दो किशोर और तीन नाबालिग बच्चे शामिल हैं, जो सभी पास के खंगुरा गांव के रहने वाले थे।
घटना की पूरी जानकारी स्थानीय मृत बच्चों की पहचान मो. शहजाद के पुत्र मो. अनस (15), मो. रियाज के पुत्र मो. हिदायतुल्लाह (14), मो. आफताब पुत्र दानियाल आमिर (12), मुस्तफा उर्फ कल्लू के पुत्र मो. हमजा अली (12) और नरगिस परवीन के अबु तालिब (12) के रूप में हुई है।
बताया गया कि ये सभी दोस्त दोपहर करीब 1 बजे घर से निकले थे। बच्चे पास के बंधपुरा चौर में बने एक गहरे पानी भरे गड्ढे में नहाने गए। पहले दानियाल पानी में उतरा, जिसके बाद अन्य बच्चे भी एक-एक कर अंदर चले गए। गड्ढा अपेक्षाकृत गहरा था और सभी बच्चे तैरना नहीं जानते थे। कुछ बच्चे नहाने के दौरान वीडियो भी बना रहे थे।
बच्चों के डूबने की सूचना मिलने पर राहगीरों ने शोर मचाया, जिसके बाद स्थानीय ग्रामीण मौके पर दौड़े और रेस्क्यू शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद सभी पांचों के शव पानी से बाहर निकाले गए।
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों से भी सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। शवों को देखकर गांव में मातम पसर गया। हर ओर रोते-बिलखते परिजन और चीख-पुकार का माहौल था।
इस हादसे में मारे गए पांच बच्चों में से चार के पिता रोजगार के लिए परदेस में काम करते हैं। जैसे ही हादसे की सूचना दी गई, परिवार टूट गया। मांओं की चीत्कार ने पूरे गांव को झकझोर दिया। घटना की सूचना पर कटरा अंचलाधिकारी (सीओ), थानाध्यक्ष और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। पंचनामा की कार्रवाई पूरी करने के बाद सभी शवों को देर शाम एसकेएमसीएच, मुज़फ़्फ़रपुर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवारों को नियमानुसार आपदा राहत मुआवजा दिया जाएगा। प्रशासन की ओर से यह भी अपील की गई कि बरसात के मौसम में ऐसे पानी भरे गड्ढों या तालाबों में बच्चों को जाने से रोका जाए।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह गड्ढा लंबे समय से जलजमाव के कारण जानलेवा बन चुका है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेडिंग नहीं लगाई। ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे खतरनाक स्थलों पर तत्काल चेतावनी संकेत और सुरक्षा उपाय किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।