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Muzaffarpur Rape Case:डिप्टी सीएम के सामने पीड़िता के परिजन बोले-समय से इलाज होता तो बच्ची नहीं मरती, मंत्री ने कहा-बेटा कसम खाओ तो

मुजफ्फरपुर रेप केस में हर रोज सरकारी तंत्र की हैवानियत सामने आ रही है. इस वीभत्स घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया, आरोपी को छोड़ दिया. पीड़ित बच्ची को सही इलाज नहीं मिली, जिससे उसकी मौत हो गयी.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 05 Jun 2025 05:04:07 PM IST

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मंत्री केदार गुप्ता का हैवानी सवाल - फ़ोटो REPORTER

MUZAFFARPUR: बिहार के मुजफ्फरपुर में 11 साल की बच्ची के साथ रेप और मौत के मामले में सरकारी तंत्र किस कदर हैवानियत पर उतरा है, उसकी एक और बानगी आज देखने को मिल गयी. इस घटना में हर कदम पर सरकार का वीभत्स चेहरा सामने आया है. रेप की वीभत्स घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया, आरोपी को पकड़ कर छोड़ दिया गया. पीड़ित बच्ची को सही इलाज नहीं मिली, जिससे उसकी मौत हो गयी.


मंत्री केदार गुप्ता का हैवानी सवाल

आज सरकार का एक और हैवानी चेहरा सामने आया. बिहार के डिप्टी सीएम और मुजफ्फरपुर के प्रभारी मंत्री विजय सिन्हा लाव-लश्कर के साथ पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. वहां पीड़िता के परिजनों ने कहा-हुजूर अस्पताल में लापरवाही के कारण हमारी बच्ची मर गयी. अगर समय से इलाज हो जाता तो बच्ची बच जाती. डिप्टी सीएम के साथ चल रहे सूबे के पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता ने पीडिता के परिजन से कहा-बेटा कसम खाओ तो कि तुम सच बोल रहे हो.


डिप्टी सीएम के सामने हुआ वाकया

ये वाकया डिप्टी सीएम के सामने हुआ. पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के साथ चल रहे थे. केदार गुप्ता स्थानीय विधायक भी हैं. उन्होंने जब पीड़िता के परिजनों को बेटा कसम खाने को कहा था तो डिप्टी सीएम को लगा कि मामला बिगड़ रहा है. इसके बाद विजय सिन्हा ने खुद पीड़िता के परिजन से बात की. कहा-मैं शुरू से ही इस मामले को देख रहा हूं. मैं यहां का प्रभारी मंत्री हूं और मेरे रहते कोई अपराधी बचने वाला नहीं है. 


हर कदम पर हैवान साबित हुआ सरकारी तंत्र

बता दें कि मुजफ्फरपुर में 11 साल की बच्ची के साथ रेप और बाद में उसकी मौत की घटना में सरकार का पूरा तंत्र हैवान बना रहा. मुजफ्फरपुर के तुर्की थाना क्षेत्र में ये घटना 31 मई को हुई थी. 11 साल की एक बच्ची को घर से लगभग दो किलोमीटर दूर एक अर्धनिर्मित मकान में ले जाकर दुष्कर्म किया गया.


पुलिस ने कहा-महिला थाना जाओ

घटना के अगले दिन पीड़िता की मां रेप की प्राथमिकी दर्ज करने के लिए तुर्की थाना पहुंची. वहां पुलिस ने एफआईआर करने के बजाय रेप के आरोपी मुकेश राय को थाने पर ही बुला लिया. तुर्की थाना पुलिस ने पीड़िता की मां को कहा कि अगर रेप का एफआईआर दर्ज कराना है तो महिला थाना जाओ. तुर्की पुलिस ने रेप करने वाले हैवान मुकेश राय को थाने से ही छोड़ दिया. 


शैतान बन गये डॉक्टर

इस बीच रेप पीडित बच्ची की स्थिति बिगड़ गयी. उसे इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन वहां उसका सही से इलाज नहीं किया गया. पीड़ित बच्ची को पटना के पीएमसीएच भेज दिया गया. पीएमसीएच में बच्ची को इलाज की बात तो दूर एक बेड तक नहीं मिला. तड़प तड़प कर बच्ची की मौत हो गयी.


सरकार की दिखावे की कार्रवाई

जब ये पूरा प्रकरण सामने आया तो सरकार की भद्द पिटी. इसके बाद दिखावे की कार्रवाई हुई. रेप की एफआईआर दर्ज नहीं करने और अभियुक्त को थाने से छोड़ देने वाले थानेदार और दो पुलिसकर्मियों को सिर्फ निलंबित कर छोड़ दिया गया. जघन्य अपराध करने वाले पुलिसकर्मियों के लाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गयी. सरकार ने इलाज में लापरवाही में एसकेएमसीएच की अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया. लेकिन पीएमसीएच में एक चपरासी तक पर कोई कार्रवाई नहीं हुआ. अस्पताल के एक उपाधीक्षक को पद से हटा दिया गया. सरकार ने कार्रवाई की रस्म अदायगी कर ली. अब मंत्री केदार गुप्ता पीडित के परिजनों को बेटा कसम खाने को कह रहे हैं. वह भी डिप्टी सीएम के सामने. जाहिर है, सरकारी सिस्टम के इरादे और मंसूबे क्या है, ये बताने की जरूरत नहीं है. 

आरोपी अब भी फरार

घटना के 6 दिन बाद भी आरोपी मुकेश राय पुलिस की पकड़ से दूर है. पुलिस कह रही है कि लगातार छापेमारी की जा रही है. पुलिस ने उसके तीन करीबी रिश्तेदारों को हिरासत में लिया गया है. इनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं. लेकिन मुकेश राय का कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस ने कोर्ट में आवेदन दिया है जिसके बाद पास्को स्पेशल जज ने आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी कर रखा है.