1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 08 Jun 2025 10:53:23 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो google
Bihar News: उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी मुजफ्फरपुर अब प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए सॉफ्ट रूट के रूप में उभरता जा रहा है। दिल्ली, मुंबई और नॉर्थ ईस्ट तक प्रतिबंधित नशे के पदार्थों, हथियारों और कीमती वस्तुओं की खेप मुजफ्फरपुर होकर गुजर रही है। इसको लेकर एक केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर बिहार के सभी जिला पुलिस इकाइयों को अलर्ट किया है और तस्करों से जुड़ी गुप्त जानकारियां भी साझा की हैं। इसके आधार पर नेपाल और पश्चिम बंगाल सीमावर्ती जिलों की पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) को भी अलर्ट पर रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, सिर्फ सड़क ही नहीं, रेल मार्ग से भी प्रतिबंधित सामग्री जैसे शराब, गांजा, अफीम, विदेशी सोना, हथियार और नशीले पदार्थ बड़ी आसानी से मुजफ्फरपुर पहुंचाए जा रहे हैं। यहां इन्हें ठिकाने लगाने का नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि तस्करों को पकड़ना दिन-ब-दिन चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
गत 5 मई को डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने 18 करोड़ रुपए मूल्य के विदेशी सोने की खेप जब्त की थी। वहीं, 9 जनवरी को मैठी टोल प्लाजा पर 80 लाख की विदेशी सिगरेट पकड़ी गई थी। दोनों ही मामलों में कैरियर गिरफ्तार किए गए थे। लगातार अहियापुर, सदर और उत्पाद विभाग की टीमें शराब की बड़ी खेप को पकड़ रही हैं। हर महीने लगभग 6-7 बड़ी जब्तियां हो रही हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह खेप चंपारण, मिथिलांचल और सीमांचल की ओर रवाना की जा रही थी।
मुजफ्फरपुर जंक्शन रेल रूट से तस्करी का दूसरा नाम बन गया है। यहां से गुजरने वाली राजधानी एक्सप्रेस, इंटरसिटी और अन्य ट्रेनों से एके-47 राइफल, कोकीन, हेरोइन, गांजा और विदेशी सुपाड़ी की खेप बरामद की गई है। वर्ष 2024 से अब तक जंक्शन पर कई दर्जन कैरियरों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
रेल थाना प्रभारी रंजीत कुमार और आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार के अनुसार, प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी रोकने के लिए क्यूआरटी (Quick Reaction Team) गठित की गई है। सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है और ट्रेनों, प्लेटफॉर्म और संदिग्ध रूटों पर जवानों की तैनाती की गई है।
रेलवे थाने और आरपीएफ के एसबीआरबी डाटा के मुताबिक, जनवरी 2024 से अब तक मुजफ्फरपुर में शराब से जुड़े कुल 203 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 150 से अधिक शराब तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक दर्जन से अधिक महिलाएं भी शामिल हैं। साथ ही गांजा, हेरोइन और सोना की भी बड़ी जब्तियां हुई हैं। कस्टम और डीआरआई विभागों की सक्रियता के कारण कई मामलों में विदेशी सोना और मानव तस्कर भी गिरफ्तार हुए हैं।
रेल और सड़क किनारे बसे गांवों में जागरूकता अभियान चलाए गए हैं, जिसमें बताया गया कि जानवरों को पटरियों पर न छोड़ा जाए और नशे की तस्करी से बचा जाए। लेकिन इसके बावजूद तस्करी के आंकड़ों में गिरावट नहीं आई है, जो कि बेहद चिंताजनक है।