मुंगेर में चुनाव से पहले 1.72 किलो चांदी जब्त, फ्लाइंग स्क्वॉड टीम की बड़ी कार्रवाई मोतिहारी में चिकन पार्टी के बहाने युवक की हत्या, नेपाल से दो आरोपी गिरफ्तार मुंगेर में चुनाव से पहले अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 निर्मित और 8 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ दो गिरफ्तार जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम Bihar Politics OTT Series: 'बिहार से हैं क्रोमोसोम में राजनीति हैं ...', जानिए बिहार की पॉलिटिक्स को समझने के लिए क्यों देखना चाहिए यह सीरीज; क्या है खास BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें Diwali 2025: दूर कर लें कंफ्यूजन! 20 या 21 अक्टूबर कब है दीपावली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 30 Sep 2025 04:17:53 PM IST
परिजनों के बीच मचा कोहराम - फ़ोटो सोशल मीडिया
NALANDA: बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में मंगलवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब दुर्गा पूजा के दौरान सीने पर कलश रखकर आराधना कर रहे युवक की मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की, जिससे हालात बेकाबू हो गए।
दीपनगर थाना क्षेत्र के नेपुरा गांव निवासी 28 वर्षीय संजय सिंह, रामबिलास सिंह के पुत्र थे। संजय ने दुर्गा पूजा पर कलश स्थापन किया था और पिछले पांच दिनों से अपने सीने पर कलश रखकर मां दुर्गा की आराधना कर रहे थे। मंगलवार सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों द्वारा मौत घोषित किए जाने पर परिजन आक्रोशित हो उठे और अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। उनका आरोप था कि इलाज में लापरवाही बरती गई। परिजनों के अनुसार जब वे अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने पुर्जा काटवाने को कहा, लेकिन उस समय संबंधित कर्मी काउंटर पर मौजूद नहीं था। करीब 15–20 मिनट बाद पुर्जा काटा गया और जब चिकित्सक को दिखाया गया तो संजय को मृत घोषित कर दिया गया। इससे गुस्साए परिजनों ने नर्स, गार्ड और डॉक्टरों पर हमला कर दिया।
हालात इतने बिगड़ गए कि डॉक्टरों ने खुद को कमरों में बंद कर जान बचाई। चिकित्सकों का कहना था कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो उपद्रवी उन पर जानलेवा हमला कर सकते थे। इस घटना के बाद डॉक्टरों में भारी आक्रोश है और उन्होंने सुरक्षा की मांग करते हुए ओपीडी सेवा बंद कर दी, जिससे अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गई। सूचना मिलते ही सदर डीएसपी नूरुल हक दलबल के साथ अस्पताल पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इधर, परिजन संजय का शव लेकर नेपुरा गांव पहुंचे। गांव में कुछ लोगों ने दावा किया कि युवक अभी जीवित है और उसकी सांसें चल रही हैं। इसके बाद परिजन शव को भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान, पवापुरी ले गए, जहां चिकित्सकों ने दोबारा जांच कर युवक को मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि सोमवार को भी संजय की तबीयत बिगड़ी थी और स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक ने उन्हें सीने पर कलश रखने से मना किया था, लेकिन उन्होंने पूजा जारी रखी। मंगलवार सुबह उनका बीपी अचानक गिरने से हालत बिगड़ गई और अंततः उनकी मौत हो गई।