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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Mar 2025 06:53:04 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Bihar News: बिहार के स्वास्थ्य महकमे के कारनामों से हर कोई वाकिफ है। आए दिन स्वास्थ्य विभाग की खबरें सुर्खियां बटोरती हैं। ताजा मामला बेतिया से सामने आया है, जहां सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक जिंदा बच्चे डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
दरअसल, पूरा मामला बेतिया के लौरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक डॉक्टर ने जिंदा बच्चे को मृत घोषित करते हुए डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। नर्स एवं डॉक्टर ने जन्मते बच्चे को मृत बताकर डिस्चार्ज लेटर थमा दिया जबकि जांच में बच्चा जिंदा पाया गया।
जानकारी के मुताबिक, बीते 24 मार्च सोमवार को चौतरवा थाने के बसवरिया परसौनी गांव के वार्ड सात निवासी बहादुर बैठा की पत्नी ज्योती कुमारी अपने पहले बच्चे के प्रसव कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लौरिया आई थी। करीब चार बजे शाम को अस्पताल में उन्हें नार्मल बच्चा डिलीवरी से हुआ। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात नर्स एवं डॉक्टर ने जन्मते बच्चे को मृत घोषित करते हुए मरीज के परिजनों को डिस्चार्ज पर्ची एवं डेथ सर्टिफिकेट थमा दिया।
डॉक्टर ने डेथ सर्टिफिकेट पर अपना हस्ताक्षर करते हुए नवजात को डिस्चार्ज कर दिया। अस्पताल से बाहर निकलते ही परिजनों ने बच्चे की जांच हेतु नगर पंचायत लौरिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां बच्चा अभी इलाजरत है और चिकित्सकों की मानें तो खतरे से बाहर है।
ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा. अफरोज ने बताया कि मेडिकल स्टाफ एक साथ कई पेपर लेकर हस्ताक्षर कराने आते हैं। बगैर जांच किए उन्होंने दस्तखत कर दिए थे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. दिलीप कुमार ने जांच कराने की बात कही है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बेतिया से संतोष कुमार की रिपोर्ट..