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पटना के NMCH की बड़ी लापरवाही, शुगर पेशेंट के पैर की 4 उंगलियों को चूहों ने कुतर डाला

चूहों के इस कारनामे के बाद मरीज के परिजन आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि यहां साफ-सफाई का बुरा हाल है। जिसके कारण रात में चूहें आतंक मचाते हैं। कर्मचारी की कमी के कारण मरीज की देखभाल भी ठीक से नहीं होता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 18 May 2025 06:08:07 PM IST

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चूहों का कारनामा - फ़ोटो google

PATNA: बिहार की राजधानी पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NMCH) में एक बेहद दर्दनाक और शर्मनाक घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। अस्पताल में इलाजरत ब्लड शुगर के एक बुजुर्ग की रात के समय चूहों ने 4 उंगलियां कुतर डालीं। यह घटना अस्पताल की अव्यवस्था, गंदगी और मरीजों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है।


ऑपरेशन के बाद वार्ड में भर्ती थे मरीज, नींद में हुआ हमला

घटना का शिकार हुए मरीज की पहचान अवधेश कुमार के रूप में हुई है, जो मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित हैं और हाल ही में पैर के ऑपरेशन के लिए एनएमसीएच के हड्डी रोग विभाग में भर्ती किए गए थे। अवधेश पहले से ही एक पैर गंवा चुके हैं, और उनके दूसरे पैर में संक्रमण था, जिसका इलाज चल रहा था।


उन्हें हड्डी रोग विभाग के वार्ड में बेड नंबर 55 पर भर्ती किया गया था। शनिवार की रात जब वह गहरी नींद में थे, तभी चूहों ने उनके पैर को निशाना बनाया और चार उंगलियों को गंभीर रूप से कुतर डाला। सुबह जब परिजन मरीज को देखने पहुंचे तो उन्होंने खून से लथपथ पैर और बुरी तरह घायल उंगलियों को देखा। इसके बाद परिजनों ने जोरदार हंगामा किया और अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया।


परिजनों का आरोप: अस्पताल में चूहों का आतंक, सफाई व्यवस्था बदहाल

मरीज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल की हालत बेहद बदतर है। वार्डों में गंदगी का अंबार है और रात होते ही चूहों का आतंक बढ़ जाता है। कई बार इसकी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। परिजनों का कहना है कि मरीजों की सुरक्षा भगवान भरोसे है और स्टाफ की भारी कमी के कारण देखभाल भी नहीं हो पा रही।


जांच के बाद सामने आएगा सच

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एनएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। "परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लिया गया है। हम वार्ड के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि घटना कैसे घटी।"


हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि, “मरीज डायबिटिक हैं, और प्रारंभिक जांच में यह साफ नहीं है कि चूहे ने ही उंगलियां काटी हैं। यह भी संभव है कि घाव अन्य किसी कारण से हुआ हो।” इस बयान के बाद परिजनों में और अधिक नाराजगी देखने को मिली।


पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं, प्रशासन बेपरवाह

यह पहली बार नहीं है जब एनएमसीएच में चूहों के हमले की घटना सामने आई है। करीब आठ महीने पहले, इसी अस्पताल में एक मरीज की आंख को चूहों ने कुतर दिया था, जिससे परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और ऑर्गन तस्करी तक के आरोप लगाए थे। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने कोई ठोस सुधार नहीं किया।


स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

पटना जैसे बड़े शहर में स्थित एक प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल में इस तरह की भयावह घटना होना पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। जहां एक ओर सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर मरीजों को अस्पताल में चूहों से भी नहीं बचाया जा रहा। एनएमसीएच में हुई यह घटना केवल एक अस्पताल की लापरवाही नहीं, बल्कि बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का प्रतीक है। यह घटना बताती है कि अगर राजधानी पटना के प्रमुख अस्पतालों की यह स्थिति है, तो दूरदराज के क्षेत्रों में स्थिति कैसी होगी, यह कहना मुश्किल है।