Bihar News: बिहार में AI से जनरल टिकट धोखाधड़ी का खुलासा, पुलिस ने चार शातिरों को किया गिरफ्तार

रेल टिकटों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का गलत इस्तेमाल करके आम यात्रियों को ठगने का मामला सामने आया है। शातिर टिकट माफिया रेल काउंटर से जेनरल टिकट खरीदकर एआई तकनीक के माध्यम से उसे लंबी दूरी का टिकट बना देते हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 Dec 2025 09:32:14 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

रेल टिकटों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का गलत इस्तेमाल करके आम यात्रियों को ठगने का मामला सामने आया है। शातिर टिकट माफिया रेल काउंटर से जेनरल टिकट खरीदकर एआई तकनीक के माध्यम से उसे लंबी दूरी का टिकट बना देते हैं। इसके बाद भोले-भाले यात्रियों को छोटे स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने के दौरान यह टिकट थमा दिया जाता है। इसका खुलासा आरपीएफ की जांच में हुआ है, जिससे रेलवे सुरक्षा और टिकटिंग प्रणाली में गंभीर खामियों का पता चला है।


बीते माह, दरभंगा जंक्शन के यूटीएस काउंटर पर वापसी के लिए आए सामान्य श्रेणी के टिकट की जांच में यह मामला सामने आया। आरपीएफ को शक है कि तुर्की स्टेशन से खरीदे गए टिकट को एआई के माध्यम से बेंगलुरू का बनाया गया था। मामले की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजी गई और आरपीएफ की तकनीकी टीम ने गोपनीय तरीके से पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि इसमें बड़े गिरोह और अन्य राज्यों का नेटवर्क भी शामिल हो सकता है।


आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मामले में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत की भी संभावना है। दरभंगा मामले में विलंब से जांच और पकड़े गए युवक को पोस्ट से छोड़ देना इसी की पुष्टि करता है। अधिकारी ने कहा कि रेल पुलिस को कर्मचारियों की गतिविधियों की भी गोपनीय रूप से जांच करनी चाहिए।


दरभंगा में यह मामला 19 नवंबर को सामने आया था, जब यूटीएस काउंटर पर एक युवक टिकट वापस करने गया। जांच में टिकट टेम्पर्ड पाया गया। आरपीएफ ने उसे हिरासत में लिया, लेकिन बाद में डायरी में इंट्री कर छोड़ दिया गया। 23 नवंबर को वाणिज्य अधीक्षक मिथिलेश कुमार गिरी ने दरभंगा रेल थाने में FIR दर्ज कराई, जिसमें 19 नवंबर को छोड़े गए युवक को आरोपी बनाया गया। हालांकि, अब वह युवक फरार है।


इसी तरह, मुजफ्फरपुर आरपीएफ ने टिकट टेम्परिंग मामले में चार शातिरों को यूटीएस हॉल से पकड़ा। उनके पास चार जेनरल टिकट मिले, और उनकी निशानदेही पर पटना जंक्शन के पास के एक होटल से माइक्रो मुहर बरामद हुई। यह मुहर विभिन्न राज्यों के शहरों के नाम से बनाई गई थी। पकड़े गए चारों आरोपी मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। खुफिया विभाग को आशंका है कि ये लोग फिर से इस अवैध धंधे में शामिल हो सकते हैं।


आरपीएफ की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सोनपुर मंडल के सराय, तुर्की, गोरौल और घोसवर जैसे स्टेशनों से सिर्फ एक टिकट खरीदकर उसमें एआई से छेड़छाड़ करने की योजना बनाई जा रही थी। रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले की गहन जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि आम यात्रियों को इस तरह की धोखाधड़ी से सुरक्षित रखा जा सके।