ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: बिजली टावर पर चढ़ा बुजुर्ग, हाईटेंशन तार पर लटकने के बाद खेत में गिरा, बाल-बाल बची जान Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा बिहार सरकार ने दिवाली की छुट्टी की तारीख बदली, अब इस दिन रहेगा सरकारी अवकाश

Bihar CM education : कोई इंजिनियर तो किसी के पास लॉ की डिग्री, कौन हैं बिहार के अब तक के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री?

Bihar CM education : बिहार के मुख्यमंत्रियों की शिक्षा और डिग्री की पूरी जानकारी। श्रीकृष्ण सिंह से लेकर नीतीश कुमार और राबड़ी देवी तक, जानें अब तक कितने पढ़े-लिखे रहे बिहार के मुख्यमंत्री।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 30 Sep 2025 12:27:26 PM IST

Bihar CM education

Bihar CM education - फ़ोटो FILE PHOTO

Bihar CM education : बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है। हर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता को लुभाने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। ऐसे समय में मतदाताओं के लिए जरूरी है कि वे उन नेताओं के बारे में भी जानकारी रखें, जिन्होंने अब तक बिहार की सत्ता संभाली है। खासकर, यह जानना रोचक होगा कि बिहार के मुख्यमंत्रियों की शिक्षा का स्तर कैसा रहा है।


अब तक 24 नेता बने मुख्यमंत्री

स्वतंत्रता के बाद से अब तक बिहार में 24 नेताओं ने मुख्यमंत्री का पद संभाला है। हालांकि, कई नेताओं ने एक से अधिक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है, जिसके चलते कुल कार्यकाल की संख्या 30 से अधिक हो जाती है। इनमें नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, जगन्नाथ मिश्रा और भोला पासवान शास्त्री प्रमुख नाम हैं।


पहले मुख्यमंत्री से शुरुआत

बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह (1947–1961) थे। वे पटना विश्वविद्यालय से स्नातक थे और लंबे समय तक सत्ता में रहे। उनके बाद दीप नारायण सिंह (1961) मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनकी शिक्षा संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसी तरह बिनोदानंद झा ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की, जबकि कृष्ण बल्लभ सहाय ने इंग्लिश ऑनर्स की डिग्री ली थी।


दिलचस्प शैक्षणिक पृष्ठभूमि

बिहार के कई मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्राप्त रहे हैं। महामाया प्रसाद सिन्हा ने पटना विश्वविद्यालय से पढ़ाई की, वहीं बी.पी. मंडल ने पटना कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स किया। भोला पासवान शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय से ‘शास्त्री’ उपाधि प्राप्त थे।

कर्पूरी ठाकुर, जिन्हें ‘जननायक’ कहा जाता है, ने मैट्रिक फर्स्ट डिवीजन में पास किया और दरभंगा के सी.एम. कॉलेज से उच्च शिक्षा ली। डॉ. जगन्नाथ मिश्रा न केवल प्रोफेसर रहे बल्कि उन्होंने लोक वित्त पर पीएचडी भी की थी।


कई मुख्यमंत्री पोस्ट-ग्रेजुएट रहे

केदार पांडेय (एम.ए. और एल.एल.बी., बीएचयू), रामसुंदर दास (एम.ए. संस्कृत), चंद्रशेखर सिंह (एम.ए. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी), भागवत झा आजाद (एम.ए. भागलपुर) और लालू प्रसाद यादव (एलएलबी और राजनीति विज्ञान में मास्टर, पटना यूनिवर्सिटी) उच्च शिक्षा प्राप्त नेताओं में शामिल रहे।


अलग पहचान वाले मुख्यमंत्री

राबड़ी देवी, जो बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, ने केवल प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी और मैट्रिक भी पास नहीं थीं। इसके विपरीत, नीतीश कुमार ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से बी.टेक की डिग्री हासिल की। जीतन राम मांझी ने गया कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया था। कुछ मुख्यमंत्रियों के बारे में शिक्षा संबंधी जानकारी अधूरी है, जैसे हरिहर सिंह, दारोगा प्रसाद राय और सत्येंद्र नारायण सिन्हा।


रोचक तथ्य

पहले मुख्यमंत्री: श्रीकृष्ण सिंह

सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री: नीतीश कुमार (18+ वर्ष, कई कार्यकाल)

सबसे कम कार्यकाल: सतीश प्रसाद सिंह (सिर्फ 4–5 दिन)

पहली महिला मुख्यमंत्री: राबड़ी देवी

बिहार के मुख्यमंत्रियों की शिक्षा-डिग्री की बात करें तो तस्वीर विविध रही है। जहां एक ओर उच्च शिक्षा और पीएचडी करने वाले नेता मुख्यमंत्री बने, वहीं दूसरी ओर बेहद सीमित शिक्षा प्राप्त करने वाले नेताओं ने भी राज्य का नेतृत्व किया। यह दर्शाता है कि राजनीति में केवल डिग्री ही नहीं, बल्कि जनता का विश्वास और राजनीतिक परिस्थितियां भी अहम भूमिका निभाती हैं।