1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Sat, 22 Mar 2025 07:45:33 AM IST
'नि:स्वार्थ प्रेम का नाम है बिहार..ज्ञान की भूमि है बिहार - फ़ोटो google
Bihar Diwas 2025: 'नि:स्वार्थ प्रेम का नाम है बिहार..ज्ञान की भूमि है बिहार, इसलिए गर्व है बिहारी होने पर'..ये शब्द उन करोंड़ों बिहारियों के हैं जो अपनी बिहार की धरती से बेहद प्यार करते हैं। उन्हें अपनी जमीन से प्यार है...अपनी संस्कृति से प्यार है। आज अपना बिहार 113 साल का हो गया है। बिहार दिवस पर पूरे बिहार में जश्न का माहौल है। सरकार की तरफ से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग होकर बिहार बना था। उस समय बिहार में उड़ीसा और झारखंड जैसे राज्य भी शामिल थे, जो बाद में बिहार से अलग हुए। लेकिन अपने अतीत को स्मरण करने के लिए बिहार सरकार ने साल 2010 में बिहार दिवस मनाने का निर्णय लिया। इसके बाद से लगातार हर वर्ष बिहार दिवस समारोह राज्य में मनाया जाता है।
बिहार के सभी लोग बिहारी होने पर गर्व करते हैं। वरिष्ठ आईपीएस आईजी विकास वैभव ने बताया कि बिहारी होने का गर्व इसलिए है कि जिस समय में लोग ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की कल्पना नहीं करते थे उस दौर में बिहार दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र था। उन्होंने सभी बिहार वासियों को बिहार दिवस की बधाई दी। विकास वैभव ने कहा कि 'आज हम विकसित भारत की परिकल्पना कर रहे हैं लेकिन यह विकसित बिहार के बगैर संभव नहीं है। बिहार ज्ञान की भूमि रही है, शौर्य की भूमि रही है, उद्यमिता की भूमि रही है। कहीं ना कहीं आज बिहार पूर्ण रूप से भारत के विकास में योगदान नहीं कर पा रहा है। हालांकि देश में सबसे अधिक विकास दर बिहार का है जो 14 प्रतिशत से अधिक है।'
ब्लड मैन के नाम से मशहूर समाजसेवी मुकेश हिसारिया ने कहा कि, हां मुझे बिहारी होने का गर्व है। जिस मिट्टी पर जन्म होता है, जिस मिट्टी पर समाज हर कदम पर आपका साथ देती है तो उस मिट्टी से प्रेम स्वाभाविक है। बिहारी होने का मुझे इसलिए अधिक गर्व है क्योंकि काम के सिलसिले में गोरखपुर, दिल्ली और नैनीताल जैसी जगहों पर रहने का मौका मिला। वहां लोगों ने उन्हें बिहारी कह कर चिढ़ाने की कोशिश की लेकिन हम चिढ़े नहीं।
बिहार के जाने-माने डॉक्टर सत्यजीत सिंह ने भी बिहार दिवस के तमाम बिहारवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 'बिहार का गौरवशाली अतीत रहा है और वर्तमान भी संभावनाओं से भरा हुआ है। इस गौरवशाली अतीत तक पहुंचाने के लिए जितने भी समृद्ध लोग हैं उन्हें सामूहिकता में प्रयास करने की जरूरत है। ' डॉ सत्यजीत सिंह ने बताया कि मई और जून महीने में उनका अमेरिका और ब्रिटेन में प्रवासी बिहारियों के साथ बैठक है। यहां बिहार के लोग कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे। जिसमें बिहार सरकार के उद्योग मंत्री भी शामिल होंगे। जो वापस बिहार आकर इन्वेस्ट करना चाहते हैं या फिर दुनिया के अन्य क्षेत्र के लोग जो कहीं निवेश करना चाहते हैं उन्हें बिहार के बारे में बताएंगे कि किस प्रकार यहां अपार संभावनाएं हैं।