बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इलेक्शन में सख्त निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय ने बनाये 5 मॉनिटरिंग सेल

बिहार विधानसभा चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने नारकोटिक्स, साइबर, सोशल मीडिया, फेक करेंसी और कैश मॉनिटरिंग के लिए 5 स्पेशल सेल गठित किया हैं। जिसकी निगरानी आर्थिक अपराध इकाई करेगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 21 Aug 2025 07:14:10 PM IST

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EOU करेगा मॉनिटरिंग - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

PATNA: इस साल अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव में सशक्त मॉनीटरिंग करने के लिए पांच अलग-अलग सेल का गठन किया गया है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर इन सेल का गठन आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अंतर्गत किया गया है। इस बात की जानकारी डीआईजी (आर्थिक अपराध) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने मीडिया को दी।


 उन्होंने कहा कि जिन पांच विशेष सेल का गठन किया गया है, उसमें मादक पदार्थ (नारकोटिक्स) तस्करी की रोकथाम, साइबर अपराध, सोशल मीडिया पर निगरानी, फर्जी मुद्रा (फेक करेंसी) और कैश के अवैध लेनदेन पर निगरानी रखने से संबंधित सेल शामिल हैं। चुनाव के दौरान इन तमाम अवैध गतिविधियों पर समुचित नजर रखने का दायित्व इन विशिष्ट सेल को सौंपा गया है।


चुनाव के दौरान सभी तरह की अनैतिक गतिविधि पर नजर रखना पुलिस की प्राथमिकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी संबंधित सेल और पुलिस के अन्य महकमों को खासतौर से निर्देश जारी किया है। डीआईजी ने बताया कि हाल में इसे लेकर केंद्रीय और राज्य सरकार की विशेष एजेंसियों के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक हुई थी। इसमें इनके रोकथाम से संबंधित गहन चर्चा की गई थी और गठित सभी विशिष्ट पांच सेलों को पूरी तरह से सक्रिय रहने के लिए कहा गया है।


इन पांच सेल में अलग-अलग स्तर के पदाधिकारियों की तैनाती भी कर दी गई है। इन सभी सेल के कामकाज की सतत मॉनीटरिंग ईओयू के माध्यम से पुलिस मुख्यालय करेगा। इन विशिष्ट सेल के स्तर पर सभी थानों से समन्वय स्थापित कर रोजाना के कामकाज की पड़ताल की जाएगी और इनके स्तर से किए गए कार्यों की निगरानी की जाएगी।


 गौरतलब है कि चुनाव के दौरान कैश का अवैध तरीके से फ्लो बढ़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसका ध्यान रखते हुए सेल हर छोटी-बड़ी गतिविधि और लेनदेन पर नजर रखने के साथ ही इससे संबंधित खूफिया जानकारी एकत्र करने पर खासतौर से फोकस करेगी, ताकि ससमय उचित कार्रवाई की जा सके। विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने और किसी तरह के कदाचार की संभावना पर अंकुश लगाने में इन पांच सेल की भूमिका अधिक बढ़ जाती है।