नीतीश का लालू परिवार पर तीखा हमला: 2005 से पहले बिहार में आतंक और भ्रष्टाचार का था राज, उसे वापस नहीं आने देना है

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी और लालू परिवार पर बड़ा हमला बोला है। X पर लंबी पोस्ट में नीतीश ने 2005 से पहले बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार और अराजकता के दौर को याद दिलाया और कहा कि अब राज्य में कानून का राज और सुशासन है

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Oct 2025 05:49:25 PM IST

बिहार

आरजेडी और लालू परिवार पर जोरदार हमला - फ़ोटो सोशल मीडिया

PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी और लालू परिवार पर जोरदार हमला बोला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लंबी पोस्ट के जरिए नीतीश कुमार ने बिहार में। 1990 से 2005 तक की सरकारों पर अपराध, भ्रष्टाचार और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार में भय और अपराध का ऐसा माहौल था कि लोग शाम 6 बजे के बाद घरों से बाहर निकलने से डरते थे। बिहार में अपराध उद्योग बन चुका था।


नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा है “2005 से पहले का दौर आप सबको याद होगा, जब बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था। हर तरफ अराजकता का माहौल था। शाम 6 बजे के बाद लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे। हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। राज्य में अपहरण का धंधा उद्योग का रूप ले चुका था। लोग डर के साए में जीने को मजबूर थे।”


 सत्ता से मिलता था अपराधियों को संरक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दौर में सत्ता में बैठे लोगों से अपराधियों को संरक्षण मिलता था। शासन और प्रशासन पंगु हो चुके थे और “बिहारी कहलाना अपमान की बात बन गई थी।”


2005 में हमने कानून का राज कायम किया

नीतीश ने कहा कि 2005 में जब उनकी सरकार बनी, तब उन्होंने विधि-व्यवस्था सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने लिखा है “हमारी सरकार ने अपराध और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। आज राज्य में किसी प्रकार का डर या भय नहीं है। अब बिहार में प्रेम, भाईचारे और शांति का माहौल है।”


पुलिस तंत्र को मजबूत बनाने का दावा

मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में बताया कि 2005 से पहले बिहार में पुलिस के पास न गाड़ियां थीं, न आधुनिक हथियार। उन्होंने कहा कि तब राज्य में मात्र 817 थाने थे, जिन्हें बढ़ाकर अब 1380 से अधिक कर दिया गया है।

नीतीश कुमार ने लिखा है कि “पुलिस को आधुनिक वाहन, हथियार और भवन दिए गए। सिपाही और पुलिस पदाधिकारियों की बड़ी संख्या में बहाली की गई। 2005 में बिहार पुलिस में सिर्फ 42,481 पुलिसकर्मी थे, जो अब बढ़कर 1.25 लाख से भी ज्यादा हो गए हैं।” सरकार ने हाल ही में पुलिस बल की संख्या 2.29 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।


महिलाओं की सुरक्षा और भागीदारी पर जोर

नीतीश कुमार ने बताया कि 2013 से पुलिस में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला। उन्होंने लिखा कि “महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला सिपाहियों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई और ‘आदिवासी महिला स्वाभिमान बटालियन’ का गठन किया गया। आज बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे अधिक है।”


विकास, रोजगार और सुशासन का बिहार

नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 का साल बिहार के लिए निर्णायक मोड़ साबित हुआ। उन्होंने लिखा कि “राज्य की जनता ने तय किया कि अब उसे अराजक नहीं, तरक्की करता हुआ बिहार चाहिए। आज बिहार में न्याय के साथ विकास हो रहा है। युवाओं को नौकरी और रोजगार मिल रहा है। बहन-बेटियों के उत्थान के लिए नए-नए काम हो रहे हैं। अब बिहारी कहलाना सम्मान की बात है।”


नीतीश का राजनीतिक संदेश

नीतीश कुमार का यह बयान चुनावी मौसम में आया है और इसका सीधा निशाना राजद (RJD) और लालू प्रसाद यादव के परिवार पर है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार अपने पुराने “सुशासन वाले मुख्यमंत्री” की छवि को फिर से केंद्र में लाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं विपक्ष ने अक्सर नीतीश पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार में भी अपराध और भ्रष्टाचार बढ़े हैं, जिसका जवाब अब नीतीश ने अपने विस्तृत पोस्ट से देने की कोशिश की है। नीतीश कुमार का यह बयान चुनाव से पहले न केवल राजनीतिक गर्मी बढ़ाने वाला है, बल्कि बिहार की राजनीति में एक बार फिर “जंगलराज बनाम सुशासन” की बहस को हवा देने वाला भी है।अब देखना दिलचस्प होगा कि इस तीखे हमले पर आरजेडी और लालू परिवार की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।