Bihar land reform : फर्जी कागज से गरीबों को परेशान करने वालों पर सख्त कार्रवाई, मंत्री ने दिए कड़े निर्देश

बिहार सरकार ने फर्जी दस्तावेज़ और सरकारी कामकाज में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गरीब और किसानों को परेशान करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 Dec 2025 09:37:41 AM IST

Bihar land reform : फर्जी कागज से गरीबों को परेशान करने वालों पर सख्त कार्रवाई, मंत्री ने दिए कड़े निर्देश

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Bihar land reform : बिहार में सरकारी प्रक्रियाओं में फर्जी दस्तावेज़ और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि फर्जी कागजात के आधार पर आवेदन करने वालों की पहचान कर उन्हें आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाए। इसमें भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अपर समाहर्ता का सहयोग लिया जाएगा और कानूनी सलाहकारों की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति गलत दस्तावेज़ के सहारे बच न सके।


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब, वंचित और किसानों को उनके अधिकारों के लिए परेशान करना किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता की समस्याओं का समय पर समाधान करना और सरकारी कार्यों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस उद्देश्य से जमीनी स्तर पर सुधार के लिए 100 दिन की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें जिलों में भूमि सुधार जनकल्याण संवाद आयोजित किए जा रहे हैं।


भूमि सुधार विभाग की प्राथमिकताओं में दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस और वासविहीन गरीबों को अभियान ‘बसेरा-2’ के तहत जमीन से जुड़े मामलों का त्वरित निपटारा शामिल है। उपमुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस के मामलों को अनावश्यक रूप से लंबित रखने या बेवजह खारिज करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए। नए साल में इसकी प्रमंडलवार समीक्षा की जाएगी।


ईमानदारी और नियमसंगत कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं, अनैतिक कार्य करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। सभी अंचलों में शिकायत पेटी स्थापित की जाएगी और अंचलाधिकारी द्वारा स्वयं उन्हें खोलकर शिकायतों का निपटान किया जाएगा। यह व्यवस्था भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं के लिए भी अनिवार्य होगी।


अनैतिक कार्यों की रोकथाम के लिए मुख्यालय स्तर पर ‘उड़नदस्ता’ का गठन किया गया है, जो औचक निरीक्षण कर दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। आम लोगों के आवेदनों को तुरंत स्वीकार करना और रिसीविंग देना अनिवार्य होगा। यदि अंचल स्तर पर सुनवाई नहीं होती है तो शिकायत क्रमशः भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अपर समाहर्ता, समाहर्ता और प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय तक पहुंचाई जा सकती है।


भूमि विवादों के मामलों पर शनिवार को विशेष रूप से शिकायतें सुनी जाएंगी। यदि पुलिस सहयोग नहीं मिलता है तो पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत भेजकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी काम में गड़बड़ी, फर्जीवाड़ा और गरीब-किसानों को परेशान करने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है।


विकास के लिए उठाए गए इन कदमों से यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी प्रक्रियाएं पारदर्शी, समयबद्ध और नियमसंगत हों। जिलों में नियमित भूमि सुधार जनकल्याण संवाद आयोजित किए जाएंगे, ताकि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हो और भूमि से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बढ़े।