Bihar Bhumi Portal : बिहार में जमीन मामलों पर सख्ती: 10 सेवाएं ऑनलाइन, फर्जी दस्तावेज वालों पर FIR का आदेश

बिहार में जमीन से जुड़े मामलों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के निर्देश पर 10 सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, वहीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आवेदन करने वालों पर FIR दर्ज होगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 Dec 2025 11:47:50 AM IST

Bihar Bhumi Portal : बिहार में जमीन मामलों पर सख्ती: 10 सेवाएं ऑनलाइन, फर्जी दस्तावेज वालों पर FIR का आदेश

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Bihar Bhumi Portal : बिहार में जमीन से जुड़े विवाद और आम नागरिकों की परेशानियों को खत्म करने के लिए राज्य सरकार लगातार सख्त और ठोस कदम उठा रही है। उपमुख्यमंत्री एवं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा इस दिशा में खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। वे लगातार कार्यक्रमों और समीक्षा बैठकों के दौरान अधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं और जहां भी लापरवाही या शिकायत मिल रही है, वहां अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगा रहे हैं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि जमीन से जुड़े मामलों में आम जनता को किसी भी कीमत पर परेशान नहीं किया जाएगा।


उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने डीसीएलआर, सीओ और एडीएम स्तर के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जमीन से संबंधित हर आवेदन का निष्पादन समयबद्ध, पारदर्शी और नियमों के अनुसार किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्तर पर अनावश्यक देरी या मनमानी सामने आती है, तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।


एक्स हैंडल से साझा की गई जानकारी

इसी क्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल के माध्यम से एक महत्वपूर्ण पोस्ट साझा की गई है। इस पोस्ट में जमीन से जुड़ी 10 ऐसी आवश्यक सेवाओं की जानकारी दी गई है, जिनका लाभ आम नागरिक घर बैठे ऑनलाइन उठा सकते हैं। इन सेवाओं के लिए लोगों को विभाग की आधिकारिक वेबसाइट biharbhumi.gov.in पर जाना होगा। सरकार का उद्देश्य है कि लोगों को जमीन से जुड़े कार्यों के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें और बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो।


आम नागरिकों के लिए उपलब्ध 10 ऑनलाइन सेवाएं

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा दी जा रही ऑनलाइन सेवाओं में शामिल हैं—


ऑनलाइन दाखिल-खारिज की सुविधा


ऑनलाइन भू-लगान भुगतान


डिजिटल हस्ताक्षरित भू-अभिलेख


ई-मापी सेवा


परिमार्जन प्लस


ऑनलाइन राजस्व न्यायालय (RCMS)


भूमि उपयोग प्रकार में परिवर्तन (भू-संपरिवर्तन)


राजस्व मानचित्रों की डोर स्टेप डिलीवरी


जमाबंदी पर SMS अलर्ट चुनने की सुविधा


भूमि दखल कब्जा प्रमाण पत्र (LPC)


इन सेवाओं के माध्यम से अब जमीन से जुड़े अधिकांश काम बिना कार्यालय जाए पूरे किए जा सकते हैं, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी।


फर्जी दस्तावेजों पर कसेगा शिकंजा

जमीन से जुड़े मामलों में फर्जीवाड़ा लंबे समय से एक बड़ी समस्या रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि फर्जी कागजात के आधार पर आवेदन करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।


उन्होंने निर्देश दिया कि इस कार्रवाई में अंचलाधिकारी के साथ भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अपर समाहर्ता का पूरा सहयोग लिया जाए। साथ ही उपलब्ध कानूनी सलाहकारों की मदद से यह सुनिश्चित किया जाए कि फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाला कोई भी व्यक्ति कानूनी कार्रवाई से बच न सके।


तेजी से निपटारे पर जोर


सरकार का जोर इस बात पर है कि जमीन से जुड़े मामलों का निष्पादन तय समय सीमा के भीतर हो। बार-बार शिकायत मिलने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा रही है। उपमुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि जमीन के नाम पर आम जनता को परेशान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह आवेदक हो या सरकारी कर्मचारी। राज्य सरकार का मानना है कि डिजिटल सेवाओं के विस्तार और सख्त निगरानी से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि जमीन से जुड़े विवादों में भी कमी आएगी।


आम जनता को बड़ी राहत

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ये पहल आम नागरिकों के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से अब पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों का भरोसा सिस्टम पर मजबूत होगा। सरकार का लक्ष्य है कि बिहार में जमीन से जुड़े मामलों को सरल, सुगम और विवाद-मुक्त बनाया जाए।