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Bihar Flood Alert: पटना में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर, कई इलाकों में फैला पानी; DM ने जारी किए सख्त निर्देश

Bihar Flood Alert: बिहार में भारी बारिश के कारण गंगा, कोसी, पुनपुन समेत कई नदियां उफान पर। पटना के कई इलाकों में फैल रहा बाढ़ का पानी। प्रशासन ने जारी किया हाई अलर्ट। SDRF और NDRF टीमें तैनात।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 21 Jul 2025 08:57:53 AM IST

Bihar Flood Alert

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar Flood Alert: बिहार में सक्रिय मॉनसून के कारण लगातार हो रही भारी बारिश ने कई नदियों को उफान पर ला दिया है। ऐसे में अब रविवार को पटना में गंगा नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है, जिससे दियारा और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गंगा के साथ-साथ कोसी, गंडक, पुनपुन, सोन, फल्गु और दरधा नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया है। पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 13 सेमी और गांधी घाट पर 53 सेमी ऊपर है। इससे दियारा, मनेर, दानापुर, फतुहा, बख्तियारपुर और दनियावां जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है।


पटना के दियारा इलाके में स्थिति चिंताजनक है। बिंद टोली में पानी चारों ओर फैल चुका है और अब इसके घरों में घुसने की आशंका बढ़ रही है। दीघा घाट पर गंगा का पानी सड़क किनारे तक पहुंच गया है, जिससे दाह संस्कार में दिक्कतें हो रही हैं। गंगा के पाथ-वे पर पानी बहने से मॉर्निंग वॉक बंद है, हालांकि बच्चे जरूर पानी में खेलते देखे गए हैं। दक्षिणी बिंद टोली में खाली जगहों पर पानी तेजी से बह रहा है। जिला प्रशासन ने खेतों में पानी फैलने की पुष्टि की है लेकिन अभी तक घरों में पानी नहीं घुसा है।


पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि दरधा और धोबा नदियों के बांधों पर दबाव बढ़ रहा है। दनियावां के सलारपुर होरल बिगहा और शाहजहांपुर के मसनदपुर में जमींदारी बांध पर पानी का दबाव चिंताजनक है। फतुहा की मोमिनपुर पंचायत के निसबुचक गांव में धोबा नदी के कारण खार की समस्या बढ़ रही है। DM ने बांधों की मरम्मत और कटाव निरोधक कार्य तेज करने का आदेश दिया है। अनुमंडल और अंचल अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी और भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए गए हैं।


पटना प्रशासन ने 119 ऊंचे स्थानों को राहत शिविरों और सामुदायिक रसोई के लिए चिह्नित किया है। दो SDRF टीमें हाई अलर्ट पर हैं जबकि एक NDRF टीम स्टैंडबाय पर है। आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी तटबंधों की 24 घंटे निगरानी के लिए अभियंताओं और अधिकारियों की तैनाती की है।


ज्ञात हो कि गंगा के अलावा कोसी, गंडक, सोन, पुनपुन और फल्गु नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। बांका का चांदन डैम भारी बारिश के कारण पूरी तरह भर चुका है और स्पीलवे के जरिए पानी नदी में डिस्चार्ज हो रहा है। नेपाल और झारखंड में हुई बारिश ने कोसी और गंडक के जलस्तर को और बढ़ाया है। कोसी बैराज से 1,10,845 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो भारी बारिश जारी रहने पर और भी बढ़ सकता है।


आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक इंतजाम किए हैं। नदियों के तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। 1400 नावें और 20 नाव एंबुलेंस राहत कार्यों में लगी हैं। गया में फल्गु नदी के उफान से फंसे 12-13 लोगों को NDRF और स्थानीय लोगों ने रस्सियों के सहारे बचाया है। प्रभावित जिलों में 8 राहत शिविर और 329 सामुदायिक रसोई चल रही हैं, जहां 3950 लोग शरण लिए हुए हैं।