1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 03 Oct 2025 08:31:16 AM IST
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BIHAR NEWS : बिहार में गंगा नदी के किनारे विकास की नई गाथा लिखी जा रही है। राज्य सरकार ने दीघा से लेकर भागलपुर तक गंगा तट के समानांतर तीन प्रमुख सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी अनुमानित लागत 17,000 करोड़ रुपये है। ये सड़कें न केवल यातायात को सुगम बनाएंगी, बल्कि गंगा तटवर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियों और पर्यटन को भी नई दिशा देंगी।
सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इन परियोजनाओं की औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि निर्माण हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) के तहत किया जाएगा, जो बिहार में इस तरह का पहला बड़ा प्रयोग है। HAM मॉडल में राज्य सरकार कुल लागत का 40 प्रतिशत वहन करेगी, जबकि शेष 60 प्रतिशत निवेश निजी डेवलपर्स करेंगे। निर्माण पूरा होने के बाद निजी कंपनियों को निर्धारित अवधि में एन्यूटी भुगतान मिलेगा।
तीनों परियोजनाओं में दीघा-शेरपुर-बिहटा-कोईलवर, मुंगेर-सफियाबाद-बरियारपुर-घोघाट-सुल्तानगंज और सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर मार्ग शामिल हैं। इनकी कुल लंबाई 119 किलोमीटर से अधिक होगी। दीघा-शेरपुर-बिहटा-कोईलवर मार्ग की लंबाई 35.65 किमी, मुंगेर-सुल्तानगंज मार्ग की 42 किमी और सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर परियोजना की 41.33 किमी तय की गई है।
इन सड़कों के बनने से गंगा किनारे बसे शहरों और कस्बों को चौड़ी, तेज और आधुनिक सड़कें मिलेंगी। भागलपुर और मुंगेर के बीच बनने वाला गंगापथ लगभग 84 किलोमीटर लंबा होगा, जो यातायात की नई धुरी के साथ औद्योगिक और पर्यटन दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।
गंगा तटवर्ती क्षेत्रों में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद हैं। बेहतर सड़क संपर्क से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है। इसके अलावा, बिहटा, कोइलवर, मुंगेर और भागलपुर जैसे औद्योगिक केंद्रों तक माल परिवहन आसान और तेज होगा, जिससे स्थानीय उद्योग और व्यापार को लाभ मिलेगा।
सड़क निर्माण विभाग ने सभी परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है और स्वीकृति पत्र जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4 अक्टूबर को इनमें से एक परियोजना का शिलान्यास करेंगे, जिससे गंगा पथ के अगले चरण का निर्माण औपचारिक रूप से शुरू होगा।
सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बिहार में उच्च गुणवत्ता वाला सड़क नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से गंगा किनारे का इलाका एक तरह से रिंग रोड के रूप में विकसित होगा, जिससे पटना और आसपास के जिलों में यातायात दबाव भी कम होगा। ये सड़क परियोजनाएं न केवल बिहार में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी, बल्कि राज्य में आर्थिक और पर्यटन विकास की नई राह भी खोलेंगी।