1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Dec 2025 08:58:36 PM IST
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PATNA: बिहार में भूमि विवाद को कम करने की कवायद में लगी नीतीश सरकार ने जमीन संबंधी मामलों में वंशावली बनाने को लेकर नया आदेश जारी किया है. बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी किया है.
शहरी क्षेत्र में वंशावली कैसे बनेगी?
दरअसल बिहार में ग्रामीण क्षेत्र में वंशावली कैसे तैयार होगी, इसका स्पष्ट प्रावधान है. लेकिन शहरी क्षेत्र में रहने वालों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं था. उप मुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अब तक शहरी क्षेत्रों में वंशावली निर्गत करने की स्पष्ट व्यवस्था नहीं होने से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसे देखते हुए नई व्यवस्था की गयी है.
सीओ निर्गत करेंगे वंशावली
सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए वंशावली निर्गत करने का अधिकार अंचलाधिकारियों को दे दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल ने हवाले से बुधवार को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है.
विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अंचलाधिकारी को सक्षम प्राधिकार नामित किए जाने से शहरी नागरिकों को समयबद्ध, पारदर्शी और सुलभ सेवा मिलेगी. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी ताकि नागरिकों को अधिकतम सुविधा उपलब्ध हो सके।
बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देश के अनुसार अब नगर निकायों के अंतर्गत आने वाले नागरिक अपने संबंधित अंचल क्षेत्र के अंचलाधिकारी से वंशावली प्राप्त कर सकेंगे. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है.
आदेश में कहा गया है कि अब तक शहरी क्षेत्रों में वंशावली निर्गत करने के लिए कोई सुस्पष्ट व्यवस्था अथवा सक्षम प्राधिकार निर्धारित नहीं था. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग के परिपत्र के तहत सरपंच द्वारा वंशावली निर्गत की जा रही है. इसी विसंगति को दूर करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से संयुक्त प्रयास किया गया है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस मसले पर महाधिवक्ता से भी सलाह ली. इसके बाद विधि विभाग ने शहरी क्षेत्रों में अंचलाधिकारी को वंशावली निर्गत करने का अधिकार देने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की. विभागीय आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी तथा भविष्य में आवश्यकता के अनुसार इसकी समीक्षा कर परिवर्तन भी किया जा सकता है.