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Bihar News: चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने मुखिया के अधिकार बढ़ाए, अब इतने लाख तक का काम करा सकेंगे

Bihar News: बिहार सरकार ने चुनाव से पहले पंचायती राज प्रतिनिधियों के अधिकार बढ़ाते हुए मुखिया को 15 लाख तक की योजनाएं विभागीय स्तर पर क्रियान्वित करने की अनुमति दी है। यह निर्णय योजनाओं के त्वरित और पारदर्शी कार्यान्वयन के उद्देश्य से लिया गया है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 24 Jun 2025 02:57:13 PM IST

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प्रतिकात्मक - फ़ोटो google

Bihar News: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुखिया का अधिकार और बढ़ा दिया है। अब बिहार के मुखिया 15 लाख तक के विकास योजनाओं का काम करा सकेंगे। मुख्यमंत्री के साथ पंचायती राज प्रतिनिधियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है।  


दरअसल, बिहार में अब ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद जैसी त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग से प्राप्त 15 लाख रुपये तक की योजनाओं को विभागीय तौर पर क्रियान्वित कर सकेंगी। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि विगत 12 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में इस आशय की घोषणा की जा चुकी है। राज्य सरकार ने यह फैसला योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने और उन्हें आम जनता तक शीघ्र पहुंचाने के उद्देश्य से लिया है।


जानकारी के मुताबिक, पंचायती राज संस्थाओं को ग्रामीण विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकार से बड़ी मात्रा में धनराशि प्राप्त होती है। वर्तमान में वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और आरजीएसए राज्य मद की राशि पीएफएमएस और सीएफएमएस के माध्यम से हस्तांतरित की जा रही है।


मुख्य सचिव ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी कि निविदा प्रक्रिया में मानवबल की कमी, निविदा के दौरान 'ठेकेदार लाभ' (कॉन्ट्रैक्टर प्रोफिट) जुड़ने से लागत में वृद्धि और निविदा निष्पादन में देरी के कारण 15 लाख रुपये तक की योजनाओं को विभागीय स्तर पर क्रियान्वित करने की अनुमति दी जाए।


इन मांगों और योजनाओं को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण तरीके से लागू करने की आवश्यकता को देखते हुए, विभाग ने इस पर गहन विचार-विमर्श के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। सभी जिला परिषदों को भी इस निर्णय से अवगत करा दिया गया है। इससे योजनाओं का कार्यान्वयन पारदर्शिता, कार्यक्षमता और संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित किया जा सकेगा।