Bihar News: नहाय खाय के दिन बिहार के अलग-अलग जिलों में 11 की मौत, स्थानीय लोगों में शोक की लहर

Bihar News: बिहार में छठ पूजा के नहाय खाय के दिन गंगा और अन्य नदियों में डूबने से 11 लोगों की मौत, जिसमें पटना में एक ही परिवार के 3 सदस्य शामिल। बांका, वैशाली, जमुई, बेगूसराय, सीतामढ़ी और कैमूर में भी हुए हादसे..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Oct 2025 09:07:22 AM IST

Bihar News

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार में नहाय खाय के दिन गंगा और अन्य नदियों में डूबने की दिल दहला देने वाली घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। सात जिलों में कुल 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई, जिसमें पटना में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की दुखद मृत्यु ने सभी को स्तब्ध कर दिया। ये हादसे छठ पूजा के लिए गंगाजल लाने और घाट तैयार करने के दौरान हुए, जिसने पर्व की खुशियों को मातम में बदल दिया।


बांका जिले के अमरपुर में चांदन नदी के पतवे घाट पर एक दर्दनाक हादसा हुआ। चार बच्चे घाट बनाने के बाद स्नान कर रहे थे, तभी गहरे पानी में चले गए। मृतक बच्चे के भाई बिट्टू के अनुसार स्थानीय लोगों ने तीन बच्चों को बचा लिया, लेकिन 10 वर्षीय पीयूष गहरे पानी में डूब गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पीयूष के परिवार में कोहराम मचा दिया और स्थानीय समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई।


पटना में भी एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, यहां गंगाजल लेने गए तीन लड़के (दो भाई और उनका भतीजा) गंगा नदी में डूब गए। ये तीनों छठ पूजा की तैयारी के लिए नदी किनारे गए थे। बताया जाता है कि एक का पैर फिसलने से वह डूबने लगा और उसे बचाने के चक्कर में बाकी दो भी गहरे पानी में समा गए। इसके अलावा वैशाली, जमुई, बेगूसराय, सीतामढ़ी और कैमूर में भी डूबने की घटनाओं में लोगों की जान गई। सीतामढ़ी में तीन लोगों के डूबने की खबर है, जिसमें दो के शव मिले, जबकि एक की तलाश जारी है।


इन हादसों ने प्रशासन और स्थानीय लोगों के सामने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। नदियों के किनारे सुरक्षा इंतजामों की कमी और गहरे पानी में स्नान के खतरों के प्रति जागरूकता का अभाव इन त्रासदियों का प्रमुख कारण रहा। छठ जैसे पवित्र पर्व के दौरान ऐसी घटनाएँ परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति हैं। प्रशासन से माँग की जा रही है कि घाटों पर सुरक्षा बढ़ाई जाए और लोगों को जागरूक करने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएँ।