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Bihar News: बिहार की हवा से प्रदूषण होगा गायब, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Bihar News: बिहार में वायु प्रदूषण रोकने के लिए 46 प्रखंडों में किया गया यह काम। 1.05 करोड़ रुपये का अनुदान, सरकार का बड़ा ही महत्वपूर्ण कदम..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 15 Aug 2025 02:05:05 PM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार में बढ़ते वाहनों की संख्या और उनकी वजह से फैले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग ने प्रदूषण जांच केंद्र प्रोत्साहन योजना के तहत बड़ा कदम उठाया है। राज्य के 46 प्रखंडों में नए प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनके लिए 1 करोड़ 5 लाख 72 हजार 576 रुपये की अनुदान राशि दी गई है। यह योजना सभी 534 प्रखंडों में पीयूसी केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखती है और 132 प्रखंडों में अभी तक ऐसे केंद्र नहीं थे। सबसे अधिक 5 केंद्र भभुआ में स्थापित किए गए हैं, जबकि बांका और मधुबनी में 4-4, और दरभंगा, गया, जहानाबाद, कटिहार में 3-3 केंद्र खोले गए हैं।


इस योजना के तहत समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, छपरा और अरवल में एक-एक केंद्र के लिए अनुदान दिया गया है। राज्य में कुल 1553 पीयूसी केंद्र संचालित हैं, जिनमें पटना में सबसे अधिक 264, मुजफ्फरपुर में 81, गया में 76, वैशाली में 74, छपरा में 66 और समस्तीपुर में 62 केंद्र शामिल हैं। इन केंद्रों पर पेट्रोल और डीजल वाहनों की उत्सर्जन जांच के लिए स्मोक मीटर और गैस एनालाइजर जैसे उपकरणों का उपयोग अनिवार्य है। योजना के तहत उपकरण खरीद पर 50% या अधिकतम 3 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है, जिससे प्रखंड स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।


इस योजना का लाभ केवल उसी प्रखंड के स्थायी निवासियों को मिलेगा, जहां केंद्र स्थापित किया जा रहा है। आवेदक को वाहन रखरखाव या सर्विसिंग का व्यवसाय करना चाहिए और उनके पास या स्टाफ के पास मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिग्री/डिप्लोमा, इंटरमीडिएट या मोटर वाहन से संबंधित आईटीआई योग्यता होनी चाहिए। आवेदन के लिए जिला परिवहन कार्यालय में मोटरयान निरीक्षक का जांच प्रतिवेदन, केंद्र का फोटोग्राफ, अनुज्ञप्ति की प्रति, उपकरण का कैलिब्रेशन प्रमाण-पत्र और अनुदान अनुरोध पत्र जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे। केंद्र को कम से कम तीन वर्ष तक संचालित करना भी अनिवार्य है।


ज्ञात हो कि 2025 में बिहार में वाहनों की संख्या में 1.2 करोड़ से भी अधिक हो गई है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट आई है। पटना और गया जैसे शहरों में AQI अक्सर 150-200 के बीच रहता है जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन भी करेगी। हालांकि, पेट्रोल पंप या वाहन सर्विस सेंटरों पर पीयूसी केंद्र खोलने की अनुमति नहीं है, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके। परिवहन विभाग ने बिहार मोटर नियमावली, 1992 में संशोधन कर इंटर पास व्यक्तियों को भी केंद्र संचालित करने की अनुमति दी है, जिससे अधिक लोग इस योजना से जुड़ सकें।