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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 20 Jul 2025 10:49:52 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग के निर्देश पर बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि पुनरीक्षण कार्य पूरा होने तक जिला निर्वाचन पदाधिकारी, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, बूथ लेवल अधिकारी, पर्यवेक्षक और मतदाता सूची से जुड़े अन्य कर्मियों का स्थानांतरण बिना आयोग की अनुमति के नहीं होगा।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने 28 जून को सभी विभागों को पत्र लिखकर मतदाता सूची के कार्य से जुड़े कर्मियों के तबादले पर रोक लगाने का आदेश दिया था। शिक्षा विभाग को भेजे गए पत्र में आयोग ने जोर दिया कि DEO, ERO, AERO और BLO जैसे पद रिक्त न रहें और इनके विभागीय कार्यों के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जाएं। यह कदम 1 जुलाई को अर्हता तिथि के आधार पर शुरू हुए SIR को सुचारु रूप से पूरा करने के लिए उठाया गया है, जिसमें 7.89 करोड़ मतदाताओं की सूची का सत्यापन किया जा रहा है।
पुनरीक्षण के तहत बूथ लेवल अधिकारी, जिनमें ज्यादातर शिक्षक और सेविकाएं शामिल हैं, घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर रहे हैं। अब तक 1.69 करोड़ गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो कुल मतदाताओं का 21.46% है। मतदाता 25 जुलाई तक दस्तावेज जमा कर सकते हैं और प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित होगी। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सत्यापन प्रक्रिया में आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज स्वीकार किए जाएं, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए आयोग को आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को वैध मानने का सुझाव दिया था, ताकि सत्यापन प्रक्रिया समावेशी रहे। विपक्षी दलों ने SIR को जटिल और भेदभावपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया और 28 जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित की गई है।