1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 19 May 2025 08:43:28 AM IST
37,000 संस्थाएं अब रद्दीकरण की कगार पर - फ़ोटो Google
Bihar NGO registration: बिहार में कागज पर चल रही संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) की अब खैर नहीं। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। राज्य में निबंधित करीब 41,000 संस्थाओं में से केवल 4,000 ने ही आय-व्यय और वार्षिक रिपोर्ट ऑनलाइन जमा की है। बाकी 37,000 संस्थाएं अब रद्दीकरण की कगार पर हैं।
सरकार ने साफ किया है कि जो संस्थाएं निर्धारित समय पर 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट और पिछले पांच वर्षों का आय-व्यय ब्योरा ऑनलाइन अपलोड नहीं करेंगी, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही, उनकी चल-अचल संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और बैंक खाते सीज किए जाएंगे।
ऑनलाइन अपडेट की सुविधा
निबंधन विभाग ने सभी संस्थाओं को विभागीय वेबसाइट https://nibandhan.bihar.gov.in/Home पर दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा दी है। संस्था का कोई भी पदाधिकारी मोबाइल नंबर या ईमेल की मदद से लॉगिन बनाकर रजिस्ट्रेशन नंबर डाल कर दस्तावेज स्वयं अपलोड कर सकता है।
क्यों उठाया गया ये कदम?
राज्य सरकार का मानना है कि कई संस्थाएं सिर्फ फाइलों में ही चल रही थीं और सरकारी योजनाओं का गलत लाभ उठा रही थीं। पहले मैनुअल प्रक्रिया के कारण निष्क्रिय संस्थाओं की पहचान संभव नहीं थी। अब सभी डेटा को ऑनलाइन किया गया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और केवल सक्रिय संस्थाओं को ही मान्यता मिलेगी।
रद्दीकरण के बाद क्या होगा?
एक बार संस्था का निबंधन रद्द होने के बाद कोई भी पदाधिकारी उस संस्था के नाम से न तो कोई कानूनी गतिविधि चला सकेगा, न ही बैंक खाता या संपत्ति का संचालन कर सकेगा। संबंधित जिले के डीएम ऐसी संस्थाओं की संपत्ति की सूची बनाकर विभाग को भेजेंगे, ताकि आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके।
सरकार का सख्त संदेश
इस कदम से स्पष्ट है कि अब केवल वे संस्थाएं ही टिकेंगी जो पारदर्शी ढंग से कार्य कर रही हैं। बाकी को बंद कर दिया जाएगा, जिससे सरकारी योजनाओं और संसाधनों का दुरुपयोग रोका जा सके।