Atal Pension Yojna New Rule: बदल गया अटल पेंशन योजना का नियम, क्या आपने भी नहीं किया अपडेट; यहां देखें डिटेल Law and Order: चुनाव की घोषणा के बाद प्रशासन ने उठाया सख्त कदम, अब बिना अनुमति नहीं कर सकते यह काम BIHAR ELECTION : बिहार चुनाव को लेकर सुरक्षाबलों की तैनाती शुरू, 1800 कंपनियों के जिम्मे होगी सुरक्षा की कमान Bollywood Web Series Controversy: शाहरुख खान, गौरी खान, रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को दिल्ली हाईकोर्ट का समन, जानिए.. क्या है आरोप? Bollywood Web Series Controversy: शाहरुख खान, गौरी खान, रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को दिल्ली हाईकोर्ट का समन, जानिए.. क्या है आरोप? Skin Care Before Diwali: दिवाली सफाई के बीच कैसे बचाएं अपनी स्किन? जानिए आसान घरेलू उपाय Patna news: पटना एयरपोर्ट पर पकड़ी गई संदिग्ध महिला, बैग से मिली ऐसी चीज; देखकर दंग रह गए CISF के जवान Patna news: पटना एयरपोर्ट पर पकड़ी गई संदिग्ध महिला, बैग से मिली ऐसी चीज; देखकर दंग रह गए CISF के जवान PATNA METRO : पटना मेट्रो सेवा शुरू: पहले दिन 5 हजार यात्रियों ने लिया सफर, जानिए कितनी हुई आमदनी Karwa Chauth 2025: इन सामग्री के बिना अधूरी रह जाती है करवा चौथ की पूजा, जानें कब दिखेगा चांद?
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 14 Jul 2025 06:10:59 PM IST
- फ़ोटो file
Bihar News: बिहार सरकार ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि अब राज्य के मुखिया और सरपंच समेत पंचायत प्रतिनिधि अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस हासिल कर सकते है। सरकार के इस फैसले पर रोक लगाने के लिए पटना हाई कोर्ट में यातिका दायर की गई है।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की एनडीए सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ी सौगात देते हुए उनकी सैलरी को बढ़ाने का एलान किया था। इस एलान के साथ साथ सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि अब राज्य के मुखिया और सरपंच समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधि अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रख सकते हैं और उसके लिए सरकार उन्हें लाइसेंस मुहैया कराएगी।
सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने यह जनहित याचिका दाखिल की है और सरकार के इस आदेश को आगामी विधानसभा चुनाव तक स्थगित करने की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार का यह फैसला निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित कर सकता है। राज्य में करीब ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधि हैं और अगर सभी को हथियार मिलते हैं तो इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
इस जनहित याचिका में राज्य सरकार के साथ साथ मुख्य सचिव, डीजीपी, पंचायती राज विभाग के सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है। बता दें कि सरकार के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट तय करेगा कि सरकार का निर्मय सही है या उसपर रोक लगाने की जरूरत है।