Bihar Crime News: बहन को चाकू मारकर मौत के घाट उतारा, शादी से इनकार करने पर भाई ने ले ली जान Bihar Politics: सात सीटों पर RJD नए चेहरे को देने जा रही टिकट, 18 से अधिक नेताओं का कट सकता है पत्ता;तेजस्वी खुद कर कैंडिडेट तय करने से पहले बात NTA New Rule: परीक्षाओं को लेकर NTA का बड़ा फैसला; केंद्र चुनने के नियम में हुआ बदलाव, जानें छात्रों पर क्या पड़ेगा प्रभाव Bihar Assembly Election 2025: नया कुर्ता सिलवाकर कर भी नेता जी के माथे पर पसीना, नेतृत्व नहीं बांटा पा रहा सीट; तो कैसे करें प्रचार और कब भरेंगे फॉर्म Reserve Bank of India: RBI की सख्ती! इस बैंक से अब ग्राहक निकाल सकेंगे सिर्फ तय रकम; जानिए क्या है रोक के पीछे की वजह Bihar Assembly Election : मुकेश सहनी और कांग्रेस को लेकर तेजस्वी ने बनाया ख़ास मास्टर प्लान; सरकार बनते ही कैबिनेट में दिखेगा यह ख़ास बदलाव;बन सकता है नया इतिहास Bihar Election 2025: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला,अब घर बैठे करें मतदान; बस करना होगा यह छोटा सा काम WhatsApp New Feature: WhatsApp में जल्द आ सकता है Instagram जैसा यह फीचर – यूजर्स के लिए शुरू हो गयी है टेस्टिंग, जानिए क्या है नया सरप्राइज! IPS Officer : ‘सुपर कॉप’ शिवदीप लांडे राजनीति में एंट्री, अररिया या जमालपुर से निर्दलीय लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: शुभ मंगल सावधान: आज घोषित होंगे पीके के रणबाकुरों के नाम, जानें किसे मिल सकती है अहम जगह
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 19 Feb 2025 12:10:50 PM IST
स्कूल निर्माण के लिए एजेंसी तय - फ़ोटो REPOTER
Bihar School News : बिहार में शिक्षा विभाग से जुड़ीं एक अहम खबर निकल कर सामने आ रहा है। राज्य के अंदर अब जितने में सरकारी स्कूलों का निर्माण करवाया जाएगा इसको लेकर एक एजेंसी तय कर ली गई है। अब सूबे के अंदर किसी एजेंसी के तरफ से सरकारी स्कूलों का निर्माण करवाया जाएगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग के तरफ से लेटर भी जारी कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग के तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि विकास कार्यों के निरीक्षण एवं समीक्षा के क्रम में यह पाया गया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन अनेकों एजेन्सी यथा-बिहार शिक्षा परियोजना, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, जिला परिषद्, भवन निर्माण विभाग, जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रधानाध्यापक इत्यादि द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किये गये आंकड़ों की समीक्षा में क्रम में यह पाया गया है कि जिला स्तर पर असैनिक कार्यों का क्रियान्वयन किए जाने के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी तथा प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी जिला के विद्यालयों के शैक्षणिक कार्यों के अनुश्रवण में पर्याप्त समय नहीं देते है। इस कारण से शिक्षा विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के समरूप एवं समेकित रूप से गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है।
वहीं, वर्तमान में जिला स्तरीय कमिटि के माध्यम से जिला स्तर पर विकास कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अधिकत्तम 50 लाख तक की योजना ले सकते हैं। ऐसी स्थति में एक ही विद्यालय परिसर की अनेक योजनाएं 50 लाख की सीमा के अन्दर सीमित कर क्रियान्वित की जा रही है। इस कारण एक विद्यालय का समेकित विकास नहीं हो पा रहा है और साथ ही साथ एक ही परिसर में अनेक संवेदक कार्यरत हैं। चयनित योजनाओं की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है तथा योजनाओं की गुणवत्ता के अनुश्रवण में कठिनाई हो रही है।
वर्तमान में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड केवल 50 लाख से अधिक राशि की योजना के क्रियान्वयन के लिए प्राधिकृत है। जबकि इस निगम का गठन शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों को करवाने के लिए किया गया है। उक्त परिस्थिति में शिक्षा विभाग के असैनिक कार्यों के क्रियान्वयन हेतु सृजित बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को सुदृढ़ करने तथा शिक्षा विभाग के सभी असैनिक कार्य को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से ही कराने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन 31.03.2025 के बाद बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा ही किया जाएगा। विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपने स्तर पर मरम्मति के कार्य करा सकेंगे जिसकी कुल अधिकतम सीमा 50 हजार है। यह व्यवस्था यथावत् रहेगी। उक्त राशि प्रधानाध्यापक के खाते में विभाग द्वारा स्थानान्तरित कराया जायेगा। 31 मार्च, 2025 के बाद किसी भी निर्माण से संबंधित राशि जिला शिक्षा पदाधिकारी को नहीं दी जाएगी। निर्माण कार्य के लिए विभाग सीधे बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को राशि उपलब्ध कराएगा।
अतः सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी जिलों में जारी निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे एवं सभी योजनाओं का अद्यतन भुगतान करते हुए सभी योजनाओं का अभिलेख 31 मार्च, 2025 तक बंद कर देंगे। यदि 31 मार्च, 2025 के बाद कोई योजना लम्बित रह जाती है तो वैसी योजनाओं को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को स्थानांतरित कर देंगे, ताकि बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से उन योजनाओं को पूरा किया जा सके। उपरोक्त व्यवस्था के पश्चात जिला शिक्षा पदाधिकारी केवल शैक्षणिक कार्यों में ही अपना ध्यान एवं रूचि केन्द्रित करेंगे।