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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 22 Mar 2025 04:52:42 PM IST
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Bihar Teacher News: बिहार का शिक्षा विभाग अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में बना रहता है। एक बार फिर से शिक्षा विभाग का एक अनोखा कारनामा सामने आया है, जो चर्चा की विषय बन गई हैं। शिक्षा विभाग ने दो मृत शिक्षकों और एक जेल में बंद शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछा है। जब विभाग को इसकी जानकारी मिली, तो खलबली मच गई है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के निर्देश पर ई-शिक्षा कोष ऐप पर अनुपस्थित रहने वाले करीब 400 शिक्षकों से 18 मार्च 2025 को स्पष्टीकरण मांगा गया था। इनमें कुछ ऐसे शिक्षक भी थे जिनका पहले ही निधन हो चुका था, जबकि एक शिक्षक 5 साल से हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।
धमदाहा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय गछकट्टा के शिक्षक अखिलेश मंडल का आकस्मिक बीमारी के कारण 1 दिसंबर 2024 को निधन हो गया था। वहीं, मध्य विद्यालय बिशनपुर के शिक्षक सुशील ठाकुर का निधन 11 नवंबर 2024 को हुआ था। इसके अलावा, मध्य विद्यालय धमदाहा के शिक्षक लक्ष्मी बेसरा 21 जुलाई 2019 से पटना जेल में बंद हैं। इन तीनों शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने अनुपस्थित रहने का स्पष्टीकरण पूछा था।
इस मामले पर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रफुल्ल कुमार मिश्रा से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह डेटा बेस में मिस मैचिंग के कारण हुआ है। उन्होंने बताया कि वह यह पता लगा रहे हैं कि इन शिक्षकों के निधन और जेल में होने की सूचना पहले प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने विभाग को दी थी या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अलग-अलग नियोजन इकाई होने की वजह से कई बार ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, जिन्हें सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, इस मामले में गड़बड़ी कहां हुई है, इसकी जांच की जा रही है।
मध्य विद्यालय बिशनपुर के मृत शिक्षक सुशील ठाकुर के पुत्र आर्यन ठाकुर ने बताया कि उनके पिता का 6 माह पहले ही निधन हो चुका है। वहीं मध्य विद्यालय बिशनपुर के प्रधानाध्यापक ने कहा कि सुशील ठाकुर का निधन छह माह पहले हुआ था, और उन्होंने उसी समय बीआरसी को इसकी सूचना दे दी थी।
इसके बावजूद, उनके नाम से स्पष्टीकरण कैसे आया, यह समझ से परे है। इस मामले के बाद इलाके में शिक्षा विभाग को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यह विभाग छात्रों के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी निभाता है, लेकिन जब यह विभाग इतना गैर-जिम्मेदार हो जाए, तो छात्रों का भविष्य कैसा होगा, यह सहज ही समझा जा सकता है।