1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 04 Apr 2025 08:28:16 AM IST
Chaiti Chhath Puja 2025 - फ़ोटो FILE PHOTO
Chaiti Chhath Puja 2025: चार दिवसीय लोक आस्था का चैती छठ महापर्व के चौथे दिन व्रती महिलाओं ने उदीयमान सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया। शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सूर्योपासना का यह महापर्व समाप्त हो गया। अब इस वर्ष कार्तिक माह में दोबारा छठ महापर्व का आयोजन किया जाएगा।
छठ पूजा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देवता को समर्पित है। यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, एक बार ग्रीष्म ऋतु में और दूसरी बार शरद ऋतु में। यह विशेष रूप से बिहार के लोगों द्वारा मनाया जाता है। छठ पूजा की बढ़ती लोकप्रियता के कारण, यह अब उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल, झारखंड और नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों में भी मनाई जाने लगी है। इसके परिणामस्वरूप, छठ पूजा की भव्यता अब बिहार-झारखंड के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिलती है।
वहीं, चैती छठ को लेकर राजधानी पटना में गंगा में कुल 41 घाटों का निर्माण करवाया गया है। इन घाटों पर हजारों की छठ व्रतियों ने अस्तलागामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ अर्पित किया। इस दौरान घाटों पर छठी मईया का गीत बजता रहा। पटना की रहने वाली श्रीदेवी का कहना है कि बिहार में छठ पर्व का अलग महत्व है। पूरे निष्ठा के साथ भगवान भास्कर एवं छठी मैया की पूजा की जाती है. छठी मैया से लोग जो भी मनोकामना करती हैं मा उसको पूरा करती हैं।
आपको बताते चलें कि, इस महापर्व में सूर्यदेव की बहन की आराधना की जाती है. छठी मईया की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। इससे घर-परिवार में सुख शांति और समृद्धि आती है। हिन्दुओं के लिए यह आस्था का महापर्व कहलाता है। पूरे 4 घंटे का निर्जला उपवास करने के बाद छठ व्रती अर्घ्य देती हैं।