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Bihar Police: 41 साल से बिहार पुलिस में चल रहा था बड़ा घोटाला, खेल हुआ अब उजागर तो बड़े ऑफिसर के भी उड़े होश

Bihar Police: बिहार में फर्जीवाड़े का ऐसा मामला सामने आया है। जब एक ही सर्टिफिकेट पर बिहार पुलिस में ममेरे-फुफेरे भाई 41 साल तक नौकरी करते रहे। खुलासा तब हुआ जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए दस्तावेज जमा किए।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 14 Apr 2025 07:42:56 AM IST

Bihar Police

Bihar Police - फ़ोटो file photo

Bihar Police: बिहार पुलिस में एक बड़ा खुलासा हुआ है। यहां पिछले 41 साल से बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था। अब आकर इसका खुलासा हुआ है। इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं। इस मामले में अब EOU जांच कर रही है। तो आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?


दरअसल,बिहार पुलिस में 41 साल से घोटाला चल रहा था औऱ हैरानी की बात है कि किसी भी अधिकारी को इसकी भनक भी नहीं लगी। यहां  एक ही सर्टिफिकेट पर दो फुफेरे-ममेरे भाईयों ने ना सिर्फ 41 साल तक नौकरी की बल्कि रिटायरमेंट के बाद अब पेंशन का मजा भी ले रहे थे। वहीं इस मामले के सामने आते ही ईओयू ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इसके बाद मामले की जांच की जा रही है। 


जानकारी के मुताबिक ईओयू उन अधिकारियों की भी तलाश कर रही है जिन्होंने इस मामले को अंजाम दिया है।  इस मामले का खुलासा तब हुआ जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए शिवहर कोषागार में दस्तावेज जमा किए, जबकि एक भाई पहले ही रोहतास कोषागार से पेंशन उठा रहा था।


बताया जा रहा है कि रोहतास के चौडीहरा गांव के विक्रमा सिंह ने 1982 में कटिहार जीआरपी के साथ ही रोहतास जिला बल की सिपाही बहाली में सफलता हासिल की थी। मगर उन्होंने कटिहार जीआरपी में योगदान किया और 2023 में गया से रिटायर हुए। वहीं, शिवहर से भी विक्रमा सिंह नामक दारोगा रिटायर हुए हैं, जिनके पिता का नाम, स्थाई पता, जन्म तिथि, पैन नंबर, ऊंचाई व छाती का माप आदि बिलकुल समान है। सिर्फ दोनों के आधार नंबर, बैंक खाता नंबर और प्रथम योगदान स्थल में अंतर दिखा। 


इधर, शिवहर से रिटायर हुए विक्रमा सिंह की प्रथम नियुक्ति रोहतास जिला बल में सिपाही पद पर हुई थी। लेकिन, जांच में शिवहर से रिटायर विक्रमा सिंह की पहचान कैमूर के आटडीह गांव निवासी राजेंद्र सिंह के रूप में की गयी, जो कि रिश्ते में गया से रिटायर विक्रमा सिंह के ममेरे भाई निकले।