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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 07 Apr 2025 08:50:23 AM IST
Bihar Traffic Police - फ़ोटो Bihar Traffic Police
Bihar Traffic Police: भैया जी यह बिहार है और यहां सड़क पर चलते-चलते इंसान उड़ जाए तो अधिक सोचने की जरूरत नहीं है! अब आप सोच रहे होंगे यह कैसे संभव है की चलते-चलते इंसान उड़ने लगे कैसे बेफिजूल की बातें कर रहे हैं आपके साथ ? तो जरा ठहरिए आप सही हैं, लेकिन हम भी अपनी जगह थोड़ा-बहुत सही है। अब इसकी वजह क्या है वह आपको समझाते हैं।
बिहार के ट्रैफिक पुलिस के तरफ से एक वाहन चालक का इस वजह से चालान काट दिया गया कि उसकी गाडी की स्पीड अधिक थी। जबकि हकीकत में उसकी गाडी की स्पीड मिनियम स्पीड से भी कम थी। आप कह सकते हैं कि गाड़ी चल नहीं बल्कि रेंग रही थी। इसके बाद भी ओवर स्पीड का चालान काट दिया गया।
वहीं, यह मामला प्रकाश में तब आया जब वाहन चालाक के मोबाइल पर ओवर स्पीडिंग का चालान आ गया। जबकि व्यक्ति ने अपनी गाड़ी की गति को काफी नियंत्रित रखा था। ऐसा तब हुआ जब ट्रैफिक पुलिस ने उस वाहन की गति को रिकॉर्ड किया और उसे ओवर स्पीडिंग के लिए दोषी ठहराया। यह गाड़ी सुपौल डीटीओ द्वारा रजिस्टर्ड है। जबकि चालान में वाहन की गति शून्य दर्शाई गई है। लेकिन चालान की राशि 2000 रुपए निर्धारित की गई है।
इससे भी आश्चर्यजनक यह है कि चालान पर बिहार पुलिस के बजाय राजस्थान पुलिस का नाम लिखा गया है। बताया जाता है कि यह घटना 30 जून 2023 को मुजफ्फरपुर शहर के एक प्रमुख मार्ग पर हुई। सुपौल डीटीओ की गाड़ी जिसका नंबर बीआर-50थी 4599 है, सुपौल से पटना जा रही थी। चालक ने अपनी गाड़ी को निर्धारित गति सीमा के भीतर चलाया था, फिर भी उसके मोबाइल पर ओवर स्पीडिंग का चालान आ गया। ऐसा तब हुआ जब ट्रैफिक पुलिस ने उस वाहन की गति को रिकॉर्ड किया और उसे ओवर स्पीडिंग के लिए दोषी ठहराया।
बताया जाता है कि, यह गाड़ी प्रज्ञा कुमारी के नाम पर रजिस्टर्ड है। गाड़ी के मालिक के पति, सनी कर्ण, ने बताया कि वह गाड़ी चला रहे थे। रास्ते में गाड़ी को किनारे पर रोकने के लिए उन्होंने गति कम कर दी थी, जो लगभग 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी। इसी बीच उनका चालान कट गया। जब उन्होंने अपने मोबाइल पर चालान की जानकारी देखी, तो उसमें गाड़ी की गति दर्ज थी।
इधर, विभाग ने तकनीकी गड़बड़ी को स्वीकार किया है, लेकिन सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। इसका मतलब यह है कि भले ही चालान गलत तरीके से जारी किया गया हो, वाहन मालिक को जुर्माना राशि जमा करनी होगी।