शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 24 Mar 2025 07:49:00 AM IST
sarkari-ghotala-news - फ़ोटो FILE PHOTO
Indian Railways: पटना रेलवे दावा न्यायाधिकरण घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ करोड़ से अधिक की दो दर्जन संपत्तियां जब्त की है। 24 अचल संपत्ति को बिहार के पटना, नालंदा, गया के साथ नई दिल्ली से जब्त किया गया हैं। इसके बाद इस मामले में आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।
वहीं,इस संबंध में ईडी ने पटना के विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर करते हुए मामले में आरोपित अधिवक्ता विद्यानंद सिंह, अधिवक्ता परमानंद सिन्हा, अधिवक्ता कुमारी रिंकी सिन्हा, अर्चना सिन्हा, विजय कुमार, निर्मला कुमारी और मेसर्स हरिजग बिजनेस एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड को पीएमएलए, 2002 के तहत दोषी ठहराने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
बताया जाता है कि, इस आपराधिक साजिश में आकस्मिक मृत्यु दावा मामलों में दावेदारों को दी गयी राशि का केवल एक हिस्सा ही दावेदारों को मिला, जबकि बड़ा हिस्सा साजिशकर्ताओं ने हड़प लिया। सीबीआई की एसीबी इकाई ने मामला दर्ज किया था। ईडी ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की है। रेलवे क्लेम घोटाला मामले में ईडी की जांच से पता चला है कि एडवोकेट बिद्यानंद सिंह और उनके वकीलों की टीम ने 900 से ज़्यादा दावों का निपटारा किया, जिनमें जज आरके मित्तल द्वारा डिक्री व निष्पादन आदेश जारी किये गये। आरोप है कि आरोपियों ने दावेदारों की जानकारी के बिना उनके बैंक खाते खोले और उनका संचालन किया।
उन्होंने रेलवे से प्राप्त दावा राशि को अपने खातों में या नकद निकासी के लिए इन दावेदारों के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान का इस्तेमाल किया। जांच से पता चला है कि दावेदारों के बैंक खाते से 10.27 करोड़ रुपये की बड़ी राशि वकीलों के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई, जो कि उनके द्वारा अर्जित अपराध की आय के अलावा और कुछ नहीं है।
इधर, अधिवक्ताओं और उनकी पत्नियों ने अपराध की आय को छिपाने और इसे बेदाग दिखाने के लिए अपराध की आय का उपयोग करके अपने नाम और उनके द्वारा नियंत्रित एक कंपनी के नाम पर 24 अचल संपत्तियां अर्जित कीं। इस मामले में वकीलों और जज आरके मित्तल से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की गई थी। एडवोकेट बिद्यानंद सिंह, एडवोकेट परमानंद सिन्हा और विजय कुमार को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे सभी न्यायिक हिरासत में हैं। जांच जारी है।