1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Jun 2025 09:05:20 PM IST
सुनैना और शोभा देवी को बड़ी राहत - फ़ोटो GOOGLE
PATNA: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस और उनके दिवंगत भाई रामचंद्र पासवान की पत्नी को मंगलवार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले की सुनवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है, और मामले की सूचक को न्यायिक नोटिस जारी किया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तलाकशुदा पत्नी राजकुमारी देवी द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) से जुड़ा है। राजकुमारी देवी ने अलौली थाना (खगड़िया जिला) में दर्ज मामले में आरोप लगाया था कि उनके देवर की पत्नियाँ सुनैना देवी (पशुपति पारस की पत्नी) और शोभा देवी (रामचंद्र पासवान की पत्नी) – ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया, बेडरूम और बाथरूम में ताले जड़ दिए, और कमरे में रखा सारा सामान बाहर फेंक दिया।
वकील की दलील: तलाक के बाद नहीं बचता संपत्ति पर अधिकार
इस मामले में सुनैना देवी और शोभा देवी की ओर से पेश अधिवक्ता राजकुमार ने कोर्ट में दलील दी कि वर्ष 1981 में ही रामविलास पासवान ने राजकुमारी देवी को तलाक दे दिया था। ऐसे में तलाकशुदा महिला का ससुराल की संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता।
इसके अलावा वकील ने यह भी बताया कि राजकुमारी देवी अनपढ़ हैं और दस्तखत नहीं कर सकतीं, फिर भी दर्ज प्राथमिकी में उनका हस्ताक्षर है। यह एफआईआर की वैधता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने न तो उन्हें जबरन निकाला और न ही कोई आपत्तिजनक कृत्य किया।
कोर्ट का आदेश: FIR की कार्रवाई पर रोक, सूचक को नोटिस
पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब तक इस मामले में सूचक (राजकुमारी देवी) का पक्ष सामने नहीं आ जाता, तब तक प्राथमिकी पर आगे की कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाई जाती है। इसके साथ ही, कोर्ट ने राजकुमारी देवी को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है कि इस प्राथमिकी की वैधता और आरोपों को वे कैसे साबित करेंगी।