HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा मधुबनी में दहेज दानवों की करतूत: दो लाख रूपये के लिए 2 बच्चों की मां की पीट-पीटकर हत्या Pahalgam Attack: ‘हर आतंकवादी के चुन-चुनकर मारेंगे’ आतंक के आकाओं को अमित शाह का सख्त मैसेज Pahalgam Attack: ‘हर आतंकवादी के चुन-चुनकर मारेंगे’ आतंक के आकाओं को अमित शाह का सख्त मैसेज Patna Crime News: पटना में अपराधियों का तांडव, तिलक से लौट रहे शख्स की गोली मारकर ले ली जान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 26 Apr 2025 09:40:59 PM IST
'बहुत याद आएंगे केके पाठक' - फ़ोटो google
PATNA: बिहार में प्रशासनिक कड़ाई और अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर आईएएस अधिकारी डॉ. के. के. पाठक अब राज्य सेवा से विदा ले चुके हैं। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें औपचारिक रूप से रिलीज कर दिया है। अब वे केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिवालय में अपर सचिव के पद की जिम्मेदारी निभाएंगे।
1990 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ.केके पाठक उन अधिकारियों में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपने सख्त प्रशासनिक रवैये, अनुशासनप्रियता और ईमानदारी से बिहार की प्रशासनिक छवि को नई दिशा देने का प्रयास किया। बिहार में केके पाठक की पहचान एक कड़क और निडर अधिकारी के तौर पर रही है। जो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करते थे। शराबबंदी कानून में उनकी प्रमुख भूमिका रही है।
डॉ. केके पाठक ने राज्य में शराबबंदी कानून को लागू करवाने में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने इसके क्रियान्वयन को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस व प्रशासनिक तंत्र को निर्देशित किया था और कई जिलों में औचक निरीक्षण भी किए थे। यही नहीं शिक्षा विभाग को भी उन्होंने सुधार दिया।
शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहते हुए केके पाठक शिक्षकों की लापरवाही पर लगाम कसने और स्कूलों में अनुशासन लाने के लिए कई कड़े फैसले लिये। कई बार वे खुद अचानक स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच जाते थे और अधिकारियों की क्लास लगा देते थे।
राजस्व परिषद में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। जहां बिहार राजस्व पर्षद में वो अपर सचिव के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने भूमि विवादों और मापी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाए। हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें कैबिनेट सचिवालय में अपर सचिव की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया था। अब बिहार सरकार की ओर से उन्हें रिलीज कर दिया गया है। अब वो जल्द ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे और जल्द ही अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे।
बता दें कि डॉ. केके पाठक का रिटायरमेंट भी नजदीक है, ऐसे में उनकी बिहार प्रशासनिक सेवा में वापसी की संभावना बहुत कम मानी जा रही है। यह विदाई उनके प्रशंसकों और राज्य प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक युग का अंत माना जा सकता है। डॉ. केके पाठक की कार्यशैली को लेकर लोगों की अलग-अलग सोच है..कुछ लोग उन्हें एक बेहद ईमानदार और निडर अफसर मानते हैं तो कोई उन्हें कड़क अफसर मानता है। नियम कानून से काम करने वाले और सख्त और कड़वे व्यवहार को लेकर केके पाठक अक्सर चर्चा में बने रहते थे। उनके जाने के बाद कई लोग कह रहे हैं कि "बहुत याद आएंगे केके पाठक”..