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‘खाकी’ वेब सीरीज वाले अमित लोढ़ा को सरकार ने दिया मजबूरी वाला प्रमोशन: आईजी से एडीजी बनाये गये लेकिन कहीं पोस्टिंग नहीं

वेब सीरीज 'खाकी' से चर्चा में आए अमित लोढ़ा को बिहार सरकार ने मजबूरी में ADG पद पर प्रमोशन तो दिया, लेकिन उन्हें कोई पोस्टिंग नहीं मिली। सरकार के कोपभाजन बने लोढ़ा पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिनकी जांच जारी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Mar 2025 08:14:00 PM IST

BIHAR POLICE

मजबूरी वाला प्रमोशन - फ़ोटो GOOGLE

PATNA: बहुचर्चित वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर से चर्चे में आये आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा को बिहार सरकार ने मजबूरी वाला प्रमोशन दिया है. इस वेब सीरीज के बाद सरकार के कोपभाजन बने अमित लोढ़ा कई मुकदमों को झेल रहे हैं. सरकार की ओऱ से अब उन्हें मजबरी में आईजी से एडीजी के पद पर प्रमोशन देने का आदेश जारी किया गया है.


मजबूरी वाला प्रमोशन

सरकार के कोप का शिकार बने अमित लोढ़ा के प्रमोशन को लेकर जो आदेश जारी किया गया है, वही सारी कहानी बता रहा है. सरकारी आदेश में कहा गया है कि चूंकि अमित लोढ़ा से जूनियर आईपीएस अधिकारी रत्न संजय कटियार को एडीजी पद पर प्रमोशन दिया गया है. लिहाजा उस आधार पर अमित लोढ़ा को आईजी से एडीजी पद पर प्रोन्नति के साथ साथ बढ़ा हुआ वेतनमान दिया जायेगा. 


बता दें कि बिहार सरकार ने पिछले साल ही 1998 बैच के चार आईपीएस अधिकारियों को आईजी से एडीजी में प्रमोशन दे दिया था. 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी एम.आर. नायक, रत्न संजय कटियार, के.एस. अनुपम और अमृत राज को पिछले साल ही प्रमोशन दिया गया था. लेकिन उसी बैच के अमित लोढ़ा को प्रोन्नति नहीं दी गयी थी. एक ही बैच के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की भी वरीयता सूची होती है. 1998 बैच के आईपीएस अधिकारियों में अमित लोढ़ा अपने ही बैच के रत्न संजय कटियार से सीनियर हैं. लेकिन, सरकार ने सीनियर पदाधिकारी को छोड़ा जूनियर को प्रमोशन दिया था. 


प्रमोशन लेकिन पोस्टिंग नहीं

सरकारी सूत्र बताते हैं कि इसे लेकर अमित लोढ़ा ने आपत्ति दर्ज करायी थी औऱ सरकार के समक्ष आवेदन दिया था. अमित लोढ़ा के खिलाफ सरकार की ओर से केस तो दर्ज कराया गया है, लेकिन अब तक उसमें वे दोषी नहीं पाये गये हैं औऱ ना ही उनके खिलाफ कोई चार्जशीट दायर की गयी है. लिहाजा सरकार को मजबूरी में उऩका प्रमोशन करना पड़ा. सरकारी आदेश में अमित लोढ़ा को एडीजी पद पर प्रमोशन देने की बात कही गयी है, लेकिन उनकी कहीं पोस्टिंग नहीं की गयी है. 


क्यों सरकार के कोपभाजन बने हैं अमित लोढ़ा?

दरअसल अमित लोढ़ा की लिखी किताब पर बहुचर्चित वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर बनी थी. इस वेब सीरिज में बिहार के सत्ता शीर्ष पर बैठे कुछ लोगों पर आरोप लगाये थे. इसके बाद अमित लोढ़ा पर सरकार की गाज गिरी थी. उऩके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया गया था.


सरकार की ओर से आरोप लगाया था कि जब अमित लोढ़ा गया रेंज के आईजी के पद पर थे, तब उन्हों पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई की. उन पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगाये औऱ उनकी जांच बिहार पुलिस की स्पेशल विजिलेंस यूनिट यानि एसवीयू को सौंपी गयी थी. 


खाकी वेब सीरीज से अमित लोढ़ा चर्चा में आए थे. करोड़ों रुपये से अधिक खर्च करके वेब सीरीज 'खाकी द बिहार चैप्टर' बनाई गई थी. इसे बनाने में आईपीएस अमित लोढ़ा की भूमिका सीधे तौर पर नहीं है, लेकिन एसवीयू का आरोप था कि वेब सीरीज बनाने वाली कंपनी फ्राईडे स्टोरीटेलर्स एलएलपी के मालिकों के साथ उनके संबंध थे. वेब सीरीज बनाने वालों ने अमित लोढ़ा की पत्नी के खाते में पैसे के लेनदेन की थी.


अमित लोढ़ा पर आरोप लगा था कि उन्होंने फ्राइडे स्टोरी टेलर एलएलपी और अन्य के साथ मिलकर अवैध रूप से निजी व्यापार में शामिल होकर कमाई की। और 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की.  जबकि सभी कानूनी स्रोतों से उसकी कुल आय बिना किसी कटौती के 2 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए थी. इस मामले में सीनियर आईपीएस अमित लोढ़ा से विशेष निगरानी इकाई  (एसवीयू) ने पूछताछ भी की थी.