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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 18 Oct 2025 08:16:37 PM IST
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 - फ़ोटो सोशल मीडिया
PATNA: खुद को डिप्टी सीएम पद का दावेदार बताने के साथ ही अपनी पार्टी वीआईपी के लिए महागठबंधन में 60 सीट मांगने वाले मुकेश सहनी की भारी फजीहत का दौर जारी है. मुकेश सहनी के भाई और उनकी पार्टी वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी की सीट पर भी आरजेडी ने उम्मीदवार उतार दिया है. हालांकि एक दिन पहले वीआईपी पार्टी की ओर से आरजेडी का पत्र जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि राजद ने अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है. ये पत्र फर्जी साबित हुआ.
जानिये क्या है पूरा मामला?
महागठबंधन में अपनी पार्टी के लिए 60 सीटें मांग रहे मुकेश सहनी को तेजस्वी यादव से लेकर कांग्रेस तक ने सिरे से नकार दिया था. लगातार ड्रामे के बाद पहले चरण का नामांकन खत्म होने के दिन मुकेश सहनी ने अपने 6 उम्मीदवारों की सूची जारी की. मुकेश सहनी की पार्टी की ओर से कहा गया कि ये ऐसी सीटें हैं, जिन्हें तेजस्वी यादव ने वीआईपी पार्टी को सौंपा है.
अपने बदले भाई को मैदान में उतारा
इन 6 सीटों में दरभंगा जिले की गौराबौराम विधानसभा सीट भी शामिल है. वीआईपी पार्टी की ओर से पहले ये जानकारी दी गयी कि मुकेश सहनी खुद इस सीट से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन नामांकन खत्म होने के आखिरी दिन मुकेश सहनी ने अपने भाई संतोष सहनी को मैदान में उतारा. संतोष सहनी वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
आरजेडी ने उतार दिया उम्मीदवार
इसके आगे का किस्सा दिलचस्प है. दरभंगा जिले के गौराबौराम सीट से आरजेडी ने अपना उम्मीदवार भी उतार दिया. गौराबौराम सीट से आरजेडी का सिंबल लेकर अफजल अली खां चुनाव मैदान में उतरे हैं. उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
फर्जी साबित हुआ लेटर
इसी बीच वीआईपी पार्टी की ओर से राजद का एक पत्र जारी किया गया. इस पत्र में राजद के प्रदेश महासचिव ने मुकुंद सिंह ने दरभंगा के जिला निर्वाचन पदाधिकारी को ये सूचना दी थी कि गौराबौराम सीट गठबंधन के तहत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी गयी है औऱ आरजेडी ने किसी को चुनाव लड़ने के लिए अधिकृत नहीं किया है. इसलिए आरजेडी के किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र स्वीकार नहीं किया जाये. लेकिन ये लेटर फर्जी साबित हुआ.
जांच में सही साबित हुआ नामांकन पत्र
दरभंगा में पहले चरण में वोटिंग होनी है और इस फेज वाले सारे विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के नामांकन पत्र की आज जांच की गयी. गौराबौराम में नामांकन करने वाले सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्र की जांच हुई और इसमें आरजेडी के कैंडिडेट अफजल अली खां का नामांकन सही पाया गया. यानि आरजेडी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को ऐसा कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया था कि गौराबौराम में उनके उम्मीदवार का नामांकन नहीं स्वीकार किया जाये.
अब क्या करेंगे सहनी?
सवाल ये उठ रहा है कि अब मुकेश सहनी क्या करेंगे. 60 सीट की मांग करते-करते 6 सीट पर आ गये हैं. डिप्टी सीएम का दावेदार घोषित करने की मांग को तेजस्वी यादव से लेकर कांग्रेस ने कोई नोटिस ही नहीं लिया है. मुकेश सहनी बार-बार ये कह रहे थे कि अगर उन्हें डिप्टी सीएम पद का दावेदार नहीं घोषित किया गया तो वे महागठबंधन से अलग हो जायेंगे. लेकिन अब कह रहे हैं कि चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जायेगा. लेकिन, सबसे बड़ी बात तो अब सामने आया है. उनके भाई और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी के खिलाफ आरजेडी का कैंडिडेट मैदान में उतर गया है. मुकेश सहनी के पास बेबस होकर ये सब देखने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.