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Bihar News : पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने VC के बॉडीगॉर्ड पर लगाया गंभीर आरोप, कहा -आदमी भेजकर धमकाया

Bihar News : प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपों की जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज भी मुहैया कराया गया है। कुलसचिव प्रो. एनके झा का आरोप है कि 29 मार्च को सिंडिकेट की बैठक थी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 02 Apr 2025 08:00:24 AM IST

patliputra university

patliputra university - फ़ोटो file photo

Bihar News : बिहार के एक फेमस यूनिवर्सिटी से जुड़ीं एक अहम खबर निकल कर सामने आ रही है। खबर यह है कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव यानी रजिस्ट्रार  ने कुलपति यानी वीसी के बॉडीगार्डों पर लगाया धमकाने का आरोप। इतना ही नहीं उन्होंने इस मामले में खुद के जान का खतरा बता केस भी किया है। इसके बाद अब हर तरफ से इसी बात को लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। 


पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव यानि रजिस्टार प्रो. एनके झा ने विश्वविद्यालय के कुलपति यानी वीसी प्रो. शरद कुमार यादव की एस्कार्ट गाड़ी पर सवार विवि के कुछ कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों पर डराने-धमाकाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। साथ ही जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। उन्होंने इस बाबत बहादुरपुर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है।


इसके बाद थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। रजिस्ट्रार के तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज भी मुहैया कराया गया है। कुलसचिव प्रो. एनके झा का आरोप है कि 29 मार्च को सिंडिकेट की बैठक थी। शाम को साढ़े सात बजे वह घर लौटे थे। उसी दौरान उनके साथ यह घटना हुई है। 


उन्होंने बताया कि, बाजार समिति के बहादुरपुर बगीचा स्थित उनके घर पर उसी रात करीब 11.45 बजे कुलपति की एस्कार्ट गाड़ी से सुरक्षा गार्ड सहित कई लोग जो आर्यभट्ट और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं हमला करने की नियत से पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि इस घटना से मैं काफी आहत हूं। मेरा परिवार असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने उस वक्त का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को सौंपा है। रजिस्ट्रार ने कहा कि सिंडिकेट की बैठक 6.30 बजे तक चली। 7.30 बजे तक मैं दफ्तर में था। फिर घर लौटा। पौने नौ बजे अपने एक बीमार रिश्तेदार से मिलने चला गया। रात के 10 बजे वीसी के पीए सुभाष ने फोन किया। 5 मिनट में विवि आने को कहा। मैंने मना कर दिया। इस बीच मोबाइल डिस्चार्ज हो गया। फिर रात 10.30 बजे दो लोग मेरे घर आए। नहीं मिला तो लौट गए। रात 11.40 बजे वीसी की स्कार्ट गाड़ी से 4 लोग पहुंचे। 45 मिनट तक दरवाजा खटखटाते रहे।


इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि, 12 मार्च को वीसी मुझ पर बीडी कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाने का दबाव बना रहे थे। मैंने मना कर दिया और कहा कि इसके लिए आपको राजभवन से अनुमति लेनी होगी। यह बात हो रही थी तब आर्यभट्ट विवि का कर्मी मनोज चौधरी वहां मौजूद था। 29 मार्च की रात वह भी मेरे घर आया था।  प्रो. शरद कुमार यादव ने पाटलिपुत्र विवि का अतिरिक्त प्रभार लिया है उनकी उपस्थिति में रात के 11 बजे तक विवि कैंपस में बाहरी लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। बिना रजिस्ट्रार को सूचित किए कार्यालय से फाइल का आवागमन होता रहता है। सुरक्षाकर्मी तथा पर्यवेक्षक को हटाया जा रहा है तथा नई नियुक्ति की जा रही है।


इधर, इस मामले को लेकर पुलिस मामले की जांच में लग गई है। इसको लेकर बहादुपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपों की जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज भी मुहैया कराया गया है। इसी के आधार पर पुलिस इस मामले में आगे काम कर रही है। जल्द ही इस मामले की सही जानकारी सभी को दे दी जाएगी और आरोपियों पर एक्शन होगा। 


जबकि इस मामले में पूछे जाने पर वीसी प्रो. शरद कुमार यादव ने कहा कि 29 मार्च को सिंडिकेट की बैठक खत्म हुई थी। रजिस्ट्रार घर निकल गए। बैठक की प्रोसिडिंग उसी दिन बननी थी। विवि कर्मी ने फोन किया तो रजिस्ट्रार बोले कि आ रहा हूं। इसके बाद उनका फोन बंद आ रहा था। मैंने मुकेश और अपने ओएसडी को उन्हें बुलाने के लिए घर भेजा था। वे घर पर नहीं थे। ताला लगा था। दूसरे दिन कहा कि दरभंगा चले गए थे। उन्होंने मुख्यालय छोड़ने की अनुमति भी नहीं ली।