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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 07 Apr 2025 07:46:36 AM IST
Patna Crime News - फ़ोटो file photo
Patna Crime News: पटना के बेऊर जेल में कुख्यात अपराधियों की मौज है। क्योंकि, जिन चीज़ों से उन्हें दूर करने के लिए जेल भेजा गया वह बड़ी सी आसानी से उसे उपलब्ध हो रहा है। ऐसे में वह जेल के अंदर रहे या बाहर विशेष अंतर नहीं होने वाला है उसके लिए। अब इस बात का पर्दापाश एक रेड के जरिए हुआ है। आइए जानते हैं कि पूरी खबर क्या है ?
दरअसल, पटना के बेऊर जेल में बंद अपराधी आराम से जेल में स्मार्ट फोन चला रहे हैं। स्मार्ट फोन से वो जेल के अंदर से ही अपने गैंग को चला रहे हैं। इस अपराधियों के पास से पुलिस ने चार स्मार्ट फोन बरामद किया है। यह मामला आदर्श केंद्रीय कारा बेउर के गोदावरी वार्ड का है। जहां जेल प्रशासन ने अचानक छापेमारी की और जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
बताया जा रहा है कि नाला रोड के कुख्यात अपराधी रवि गोप के बेड से एक साथ चार स्मार्टफोन और दो चार्जर बरामद किए गए। बताया जा रहा है कि सभी मोबाइल वही उसके बेड पर रखे हुए थे। बेउर जेल में यह पहली बार है जब किसी एक कैदी के पास से चार स्मार्टफोन एक साथ मिले हैं। जेल प्रशासन ने कुख्यात रवि गोप के वार्ड में 2 घंटे तक जांच पड़ताल की। बताया जा रहा है कि, रवि गोप इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से अपने गिरोह के सदस्यों से संपर्क में रहता था और जेल के भीतर से ही आपराधिक घटनाओं की साजिश रच रहा था।
वहीं, अब प्रभारी मुख्य उच्च कक्षपाल गिरीज यादव की लिखित शिकायत के आधार पर बेउर थाना में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। फिलहाल उसे हाई सिक्योरिटी सेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा ने बताया कि यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में पटना सिटी में हुई आपराधिक वारदातों में पकड़े गए अपराधियों से जब्त मोबाइल की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि रवि गोप जेल से ही उन अपराधियों के संपर्क में था।
इसके बाद पुलिस की सूचना पर सक्रिय हुए जेल प्रशासन गोदवारी खंड स्थित रवि गोप के वार्ड में सघन छापेमारी की। बरामद मोबाइल की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किन अपराधियों के संपर्क में था, किन घटनाओं की योजना बना रहा था और किससे रंगदारी की मांग की जा रही थी।
इन सब बातों के बीच अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि चार-चार स्मार्टफोन आखिरकार रवि गोप के वार्ड तक पहुंचे कैसे? क्या इसमें जेलकर्मियों की मिलीभगत थी या किसी बाहरी व्यक्ति की मदद ली गई? बताया जा रहा है कि रवि गोप को आखिरी बार 2 अप्रैल को सिविल कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था। अब जांच कमेटी यह भी पता लगाएगी कि कहीं मोबाइल उसे कोर्ट में ही तो नहीं सौंपा गया।
आपको बताते चलें कि,अगस्त 2022 में एसटीएफ ने रवि गोप को नागपुर से गिरफ्तार किया था। उस वक्त उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था और वह 16 वर्षों से फरार चल रहा था। उस पर पटना के कदमकुआं, पीरबहोर और फुलवारीशरीफ थानों में कुल 16 एफआईआर दर्ज हैं। वह बीजेपी नेता क्रांति, संग्राम सिंह और अशोक गुप्ता हत्याकांड जैसे चर्चित मामलों में आरोपी है।