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BPSC 7Oth परीक्षा पर हाईकोर्ट का फैसला: 36 प्वाइंट्स से हाईकोर्ट ने बताया क्यों रद्द नहीं होगा एग्जाम, खान-रहमान से लेकर प्रशांत किशोर की धज्जियां उड़ी

पटना हाईकोर्ट ने BPSC 70वीं परीक्षा रद्द करने की याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने 36 बिंदुओं से स्पष्ट किया कि परीक्षा रद्द नहीं होगी. फैसले से खान सर और गुरू रहमान जैसे कोचिंग संचालकों की दलीलों और पीके जैसे नेताओं के दावों की धज्जी उड़ गयी.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 28 Mar 2025 10:07:02 PM IST

bpsc70th exam

- फ़ोटो google

PATNA:  करीब तीन पहले हुई BPSC 7Oवीं परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर आज पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने शुक्रवार को BPSC 70वीं PT परीक्षा रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि एग्जाम दोबारा नहीं होगा. हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते ही प्रारंभिक एग्जाम रद्द करने और दोबारा कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली थी.


शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी की बेंच ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने 36 प्वाइंट्स के जरिये ये बताया कि क्यों बीपीएससी की परीक्षा को रद्द नहीं किया जायेगा. कोर्ट के फैसले मेंह खान सर, गुरू रहमान जैसे कोचिंग संचालकों की दलीलों की धज्जियां उड़ गयी है. इस मसले पर राजनीति करने उतरे प्रशांत किशोर के सारे दावे पर भी गलत निकले. हम आपको उन 36 प्वाइंट्स बताते हैं, जिसे कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है. 


हाईकोर्ट के फैसले के 36 प्वाइंट्स

1.    13 दिसंबर को हुई BPSC प्रारंभिक परीक्षा में गडबड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है

2.    13 दिसंबर की परीक्षा में पटना के बापू परीक्षा केंद्र में कुछ गडबड़ी हुई, जहां सबसे ज्यादा परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थेय

3.    बीपीएससी ने बापू परीक्षा केंद्र पर हुई गड़बड़ी का संज्ञान लिया और 4 जनवरी को इस केंद्र के परीक्षार्थियों के लिए दुबारा परीक्षा करायी.

4.    हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बापू सभागार में हुई गड़बड़ी के कारण वहां के परीक्षार्थियों के लिए फिर से परीक्षा लेने के बीपीएससी के फैसले को गलत नहीं ठहराया जा सकता है. कानून ये कहता है कि कुछ परीक्षार्थियों की गड़बड़ी के कारण पूरी परीक्षा को रद्द नहीं किया जाना चाहिये.

5.    हाईकोर्ट ने कहा है कि बापू परीक्षा केंद्र ने दिन के 1 बजे प्रश्न पत्र लीक हुआ. उस समय दूसरे सेंटर के बाकी सारे परीक्षार्थी इक्जामिनेशन हॉल में बैठे थे.

6.    कोर्ट ने कहा है कि इससे साफ है कि बापू परीक्षा केंद्र से दिन के 1 बजे लीक हुए प्रश्न पत्र से किसी दूसरे परीक्षार्थी को कोई लाभ नहीं मिला

7.    कोर्ट में याचिका दायर करने वालों ने पेपर लीक को जो सबूत कोर्ट में पेश किया वह फेसबुक औऱ एक्स जैसे सोशल मीडिया पर डाले गये पोस्ट का है, परीक्षा के बाद ये प्रश्न पत्र पोस्ट किये गये थे. 

8.    हाईकोर्ट ने कहा है कि अलग-अलग सेंटर पर परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के सक्सेस रेट से गड़बड़ी का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है.

9.    हाईकोर्ट ने कहा है कि बीपीएससी परीक्षा के बाद बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने मामले की जांच की. इसमें प्रश्न पत्र लीक का कोई सबूत नहीं मिला, जिससे कि परीक्षा को रद्द किया जा सके.

10.    कोर्ट में ये शिकायत की गयी है कि कुछ अभ्यर्थियों को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया. अगर ये आरोप सच भी है तो पूरी परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता.

11.    कोर्ट ने बीपीएससी को इस बात के लिए लताड़ा कि उसने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए कोचिंग सेंटर के संचालकों की बैठक बुलायी. कोर्ट ने कहा कि इस कदम को न सही बताया जा सकता है और ना ही इसकी सराहना की जा सकती है.

12.    कोर्ट ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा के कुछ प्रश्न कुछ कोचिंग सेंटर के मॉडल प्रश्न पत्र से मिलते-जुलते पाये गये. लेकिन इससे ये साबित नहीं होता कि बीपीएससी ने कोचिंग सेंटर के मॉडल प्रश्न पत्र से अपनी परीक्षा के लिए प्रश्न लिये. 

13.    हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य के अंदर और बाहर नौकरी के लिए ली जाने वाली अलग-अलग परीक्षाओं में कॉमन प्रश्न हो सकते हैं. 

14.    कोर्ट में कहा गया था कि बापू परीक्षा केंद्र के परीक्षार्थियों के लिए अलग से परीक्षा लेना असंवैधानिक हैं. कोर्ट में कहा गया था कि ये संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है. पटना हाई कोर्ट ने इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार फैसला दिया है कि विशेष परिस्थितियों में कुछ छात्रों के लिए अलग से परीक्षा ली जा सकती है. 

15.    हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वालों ने कहा था कि अलग-अलग परीक्षा लेने से कुछ छात्रों को आसान प्रश्न पत्र मिले और कुछ को कठिन. ऐसे में नार्मलाइजेशन किया जाना चाहिये थे. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ये बीपीएससी पर निर्भर करता है. वह ऐसे फैसले लेने में सक्षम है. इसमें कोर्ट का कोई रोल नहीं है. 

16.    हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वालों ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा के कई उत्तर गलत थे. हाईकोर्ट ने इस दलील को भी खारिज कर दिया. कोर्टे ने कहा कि किसी प्रश्न का सही उत्तर क्या है ये उस विषय के एक्सपर्ट ही बता सकते हैं. 

17.    कोर्ट ने याचिका दायर करने वालों को बीपीएससी के उत्तर को गलत साबित करने को कहा, लेकिन इसमें वे विफल रहे. 

18.    कोर्ट ने कहा कि बीपीएससी ने परीक्षा में पूछ गये सवालों को लेकर कई जगहों से सलाह ली. फिर एक्सपर्ट्स की राय पर भरोसा किया. 

19.    हाईकोर्ट ने कहा कि बीपीएससी की ओर से एक्सपर्ट्स की सलाह पर कई प्रश्नों को हटाया भी गया. 

20.    हाईकोर्ट ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा में पूछे गये सवालों पर अगर किसी ने आपत्ति जतायी तो आयोग ने तथ्य के साथ उसका जवाब दिया.

21.    हाईकोर्ट ने कहा कि कोई कोर्ट ये तय नहीं कर सकता कि परीक्षा मे पूछे गये किसी प्रश्न का सही उत्तर क्या है. कोर्ट इसका विशेषज्ञ नहीं है. 

22.    हाईकोर्ट ने कहा कि बीपीएससी के आंसर के मामले में कोई भी हस्तक्षेप केवल तभी किया जा सकता है जब आंसर स्पष्ट रूप से गलत हो और ये दिख रहा हो. 

23.    हाईकोर्ट ने कहा कि परीक्षा में पूछे गये किसी सवाल के उत्तर के बारे में संदेह होने की स्थिति में उम्मीदवारों के बजाय परीक्षा लेने वाली संस्था पर यकीन करना होता है. 

24.    याचिका दायर करने वालों ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी, जिस कोर्ट से सिरे से खारिज कर दियाय कोर्ट ने कहा कि  इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने के लिए कोई तथ्य या आधार नहीं है.  

25.    कोर्ट ने कहा कि बीपीएससी 70वीं परीक्षा में किसी तरह की नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया को अपनाने नहीं जा रहा है. इसलिए इस पर सवाल उठाना गलत है.

26.    हाईकोर्ट ने कहा कि नार्मलाइजेशन जैसे मामले में किसी भी स्थिति में कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता, क्योंकि वह इन चीजों का एक्सपर्ट नहीं है. 

27.    कोर्ट ने कहा कि बीपीएससी के कुछ अभ्यर्थी अफवाहों का शिकार बन कर आंदोलन करने उतर पड़े.  परीक्षा से पहले ही नॉर्मलाइज़ेशन के खिलाफ छात्रों का विरोध इसलिए सामने आया क्योंकि वे अफवाहों का शिकार हो गए थे;

28.    हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों ने अभ्यर्थियों को समझाने के बजाय, उन्हें उकसाया.

29.    कोर्ट ने बीपीएससी पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है, लेकिन बीपीएससी के SOP में कुछ कमियां दिख रही हैं. लेकिन वे इतनी गंभीर या व्यापक नहीं हैं कि परीक्षा की शुद्धता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा किया जा सके. 

30.    कोर्ट में ये भी दलील दी गयी थी कि कि ऑनलाइन आवेदन भरने की अंतिम तिथि से पहले पोर्टल सर्वर धीमा था. कोर्ट ने माना कि बीपीएससी के पोर्टल का सर्वर धीमा था लेकिन ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया कि कोई छात्र पोर्टल की गड़बड़ी के के कारण फॉर्म भरने में असमर्थ रहा हो.

31.    बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर करने वालों ने कहा था कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर्स काम नहीं कर रहे थे. कोर्ट ने कहा कि इस आरोप का कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है. 

32.    कोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक सेंटर पर TEG बैग के क्षतिग्रस्त होने का मामला सामने आया है. जो बड़ी गड़बड़ी को साबित नहीं करता.

33.    हाईकोर्ट ने कहा कि बीपीएसी परीक्षा में गबड़बड़ी, नकल या प्रश्न पत्र लीक जैसी कुछ बातें सामने आयी हैं लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला कि पेपर लीक का उत्तर परीक्षार्थियों तक उस समय तक पहुंच गया जब वे अपनी परीक्षा की कॉपी लिख रहे थे यानि परीक्षा दे रहे थे. 

34.    हाईकोर्ट ने साफ साफ कहा कि  कोचिंग सेंटर के संचालकों को अपने आचरण को सुधार लेना चाहिये और उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए.

35.    हाईकोर्ट ने कहा कि बीपीएससी को अपनी परीक्षाओं के संचालन के लिए एक स्थायी उच्च स्तरीय समिति का गठन करना चाहिए, जिसमें विशेषज्ञ शामिल हों,. ये कमेटी परीक्षा के दौरान  सुरक्षा से लेकर उसका सही से संचालन सुनिश्चित करें

36.    हाईकोर्ट ने कहा कि परीक्षा प्रक्रिया में होने वाली खामियों को दूर करने के लिए बीपीएससी को अपने ढांचे में बदलाव करना चाहिये. बीपीएससी अपने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को और मजबूत करे और इसे सख्ती से लागू करने की कोशिश करे. परीक्षा प्रक्रिया के हर फेज में शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक स्पेशल विंग बनाई जानी चाहिए. डिजिटल वॉटरमार्किंग और ट्रैकिंग जैसी आधुनिक तकनीक का सहारा लेना चाहिये.


हाईकोर्ट ने अपने फैसले के आखिर में कहा है कि इन परिस्थितियों में हमारा मानना है कि याचिकाकर्ताओं द्वारा BPSC की 70वीं परीक्षा रद्द करने की याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में रिट याचिकाएं खारिज की जाती हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग BPSC मुख्य परीक्षा आयोजित करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी हो. BPSC को हमारे द्वारा दिए गए सुझावों पर भी विचार करना चाहिए ताकि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए संरचनात्मक रूप से मजबूती लाई जा सके.