1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 13 Oct 2025 10:19:53 AM IST
पटना न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Patna News: बिहार की राजधानी पटना से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां दानापुर थाना क्षेत्र के ताराचक गांव में रहनेवाली अंजू देवी ने अपने बेटे के जरिए मायके वालों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एक साजिश रची। उसने अपने बेटे का अपहरण करवाया और उसे पटना सिटी स्थित मौसी के घर भेजकर, अपने कारोबारी पति से 21 लाख रुपये की फिरौती की मांग की।
हालांकि, पुलिस ने इस योजना को जल्द ही नाकाम कर दिया। मामले की शिकायत दर्ज होने के छह घंटे के भीतर ही बच्चे को पटना सिटी से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। इस मामले में दानापुर पुलिस ने अंजू देवी, मौसी संजू देवी, मौसा पंकज कुमार, मामा रोविंस कुमार और पड़ोसी अनिल कुमार को गिरफ्तार किया।
दानापुर के निवासी सुनील मेहता का आटा-चावल का व्यवसाय है। उनका 11 वर्षीय बेटा 5वीं कक्षा में पढ़ता है। शनिवार को अचानक उनका बेटा लापता हो गया। पिता उसकी तलाश कर रहे थे तभी एक अजनबी नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके बेटे का अपहरण किया गया है और 21 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई।
सिटी एसपी (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी के नेतृत्व में टीम बनाई गई, जिसमें थानेदार प्रशांत भारद्वाज की टीम शामिल थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन ट्रेसिंग की, जिससे मामले की संदिग्ध प्रकृति सामने आई।
पुलिस की पूछताछ में मौसी संजू देवी ने अपहरण के झूठे मामले का खुलासा किया। जांच में पता चला कि अंजू देवी ने मायके वालों के साथ मिलकर अपने पति से पैसे निकालने के लिए यह साजिश रची थी। फोन करके फिरौती की मांग मौसी के मोबाइल में नया सिम लगाकर पड़ोसी अनिल कुमार द्वारा की गई थी। वहीं, मामा रेविंस कुमार बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। अंजू देवी का मकसद स्पष्ट था: अपहरण की खबर सुनते ही कारोबारी पति पैसे देंगे, जिन्हें बाद में मायके वालों के बीच आर्थिक सहायता के रूप में बांट दिया जाएगा।
पुलिस को शक तब हुआ जब अंजू देवी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही थी। कॉल की लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि फोन पटना सिटी से किया गया था। इसके बाद पुलिस ने आलमगंज स्थित मौसी के घर पर छापा मारा और बच्चे को सुरक्षित बरामद किया। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस ने मामला साजिश और धोखाधड़ी के तहत दर्ज कर लिया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हुआ कि किसी भी तरह की फिरौती की योजना या अपहरण की साजिश पुलिस के लिए चुनौती नहीं, और दोषियों को जल्द ही कानूनी कार्रवाई के तहत लाया जाएगा।