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पटना में स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए बनेगी बाल परिवहन समिति, डीटीओ ने सभी बड़े स्कूलों को भेजा नोटिस

पटना में स्कूल परिवहन को सुरक्षित और मानक के अनुरूप बनाने के लिए बाल परिवहन समिति गठित की जाएगी। डीटीओ ने सभा बड़े स्कूलों को निर्देश भेजा हैं। नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 20 Jul 2025 06:50:07 PM IST

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- फ़ोटो GOOGLE

PATNA: बिहार की राजधानी पटना में स्कूली बच्चों के लिए परिवहन सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के अंतर्गत अब जिले के सभी बड़े स्कूलों में ‘बाल परिवहन समिति’ (School Transport Committee) का गठन किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्कूली वाहनों की निगरानी, सुरक्षा मानकों का पालन, और सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था को सुनियोजित करना है।


पटना जिला परिवहन पदाधिकारी (D.T.O.) उपेंद्र कुमार पाल के अनुसार, यह पहल राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप की जा रही है ताकि स्कूली वाहन संचालन में एकरूपता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। जिले में 2,000 या उससे अधिक छात्रों वाले सभी स्कूलों को ईमेल भेजकर समिति गठन और वाहन संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है।


पटना जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ के तहत स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन किया जाएगा, जो स्कूली वाहनों के संचालन को मानक के अनुरूप बनाएगी। पटना जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) ने दो हजार से अधिक क्षमता वाले स्कूलों को इस संबंध में ई-मेल भेजा है। इसमें स्कूलों से वाहनों की संख्या (बस, मिनी बस, ओमिनी वैन, वैन इत्यादि), मालिक का नाम, कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी और वाहन पंजीकरण नंबर मांगा है।


विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य

जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या दो हजार से अधिक है, वहां बाल परिवहन समिति के तहत एक परिवहन प्रभारी की नियुक्ति होगी, जिसकी जानकारी जिला परिवहन पदाधिकारी के पास होगी। समिति के अध्यक्ष स्कूल के प्रधानाघ्यापक होंगे। सदस्य के रूप में दो अभिभावक, शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधि, संबंधित क्षेत्र के यातायात पुलिस निरीक्षक, मोटरयान निरीक्षक, शिक्षा विभाग के एक प्रतिनिधि और स्कूल बस मालिकों के एक प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। स्कूल के परिवहन प्रभारी समिति के सदस्य सचिव होंगे। यह समिति हर तीन महीने में एक बार बैठक करेगी और स्कूली वाहनों की मानक के अनुरूप परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।


लापरवाह स्कूलों पर सख्त कार्रवाई: पटना डीटीओ

पटना डीटीओ उपेन्द्र कुमार पाल ने कहा कि स्कूली बच्चों की परिवहन सुविधा को गंभीरता से लिया जाए। ‘विद्यालय वाहन परिचालन विनियम 2020’ का पालन सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है। इससे छात्रों को सुरक्षित  परिवहन सुविधा मिलेगी और वाहनों की निगरानी भी होगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


स्कूली वाहनों के लिए मानक

सरकार की ओर से स्कूल बस या अन्य स्कूली वाहनों के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं।

•    वाहन स्कूल प्रबंधन, प्रधानाचार्य, निदेशक या अन्य पदाधिकारी के नाम पर पंजीकृत होना चाहिए। 

•    वाहन की बॉडी सुनहरे पीले रंग की हो, जिसपर स्कूल का नाम स्पष्ट अक्षरों में लिखा हो। 

•    किराए या लीज वाले वाहनों पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी‘ लिखना अनिवार्य। 

•    वाहन की अधिकतम गति सीमा 40 कि.मी. प्रति घंटा। 

•    वाहन में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशामक यंत्र, जीपीए., व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य होगा। 

•    वाहन में स्कलू बैग रखने की उचित व्यवस्था।

•    दिव्यांग बच्चों लिए विशेष सुविधाएं। 

•    स्कूली बस में दो आपातकालीन गेट (एक दाहिनी ओर और दूसरा बस के पीछे) और बस की खिड़कियां ग्रिल युक्त होनी चाहिए।