1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Oct 2025 07:19:21 AM IST
पटना न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Patna News: खबर बिहार की राजधानी पटना से है, जहां बेऊर थाना क्षेत्र के तेजप्रताप नगर रोड नंबर-2 स्थित सेवा कुटीर-2 में रह रहे 63 वर्षीय उमेश सिंह की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि संस्था ने परिजनों को सूचना दिए बिना ही उनका अंतिम संस्कार करा दिया। घटना के बाद से परिवार में आक्रोश है। परिजनों ने इस मामले में पटना एसएसपी को लिखित शिकायत देकर जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, मृतक उमेश सिंह मूल रूप से अरवल जिले के हइबतपुर गांव के रहने वाले थे और वर्तमान में पाटलिपुत्र कॉलोनी, पटना में रह रहे थे। उनके एक पुत्र वैज्ञानिक हैं, जबकि दूसरा इंजीनियर है। बड़े भाई रमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि उमेश सिंह की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए उन्हें पहले कोइलवर के मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें खगौल स्थित सेवा कुटीर-2 में रखा गया।
शुरुआती दिनों में परिवार वाले उनसे मिलने जाया करते थे, लेकिन संस्था के कर्मचारियों ने कुछ महीनों बाद मिलने पर रोक लगा दी। परिवार को विभाग की ओर से एक पत्र भी भेजा गया, जिसमें साफ लिखा था कि कोई भी परिजन उनसे मिलने नहीं आए। इसके बाद परिवार ने मुलाकात बंद कर दी।
परिजनों के अनुसार, 14 सितंबर को जब वे उमेश सिंह से मिलने सेवा कुटीर पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि उनकी मौत हो चुकी है और शव का अंतिम संस्कार भी किया जा चुका है। परिवार को इस बात से गहरा सदमा लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि संस्था ने मौत की जानकारी जानबूझकर छिपाई और शव का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में कर दिया ताकि मामले को दबाया जा सके।
परिवार ने पहले बेऊर थाना में आवेदन दिया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पटना एसएसपी को लिखित शिकायत देकर निष्पक्ष जांच और संस्था के जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले पर सेवा कुटीर-2 के सचिव सतीश कुमार ने कहा कि उमेश सिंह के परिजनों का मोबाइल नंबर और पता संस्था के पास दर्ज नहीं था। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हुई थी, जिसके बाद विभाग के निर्देशानुसार शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया।
हालांकि, परिवार का कहना है कि संस्था के पास उनके संपर्क विवरण पहले से मौजूद थे, क्योंकि भर्ती के समय सभी दस्तावेज जमा किए गए थे। बेऊर थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला संज्ञान में आ चुका है और पुलिस जांच में जुटी है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मृत्यु स्वाभाविक थी या किसी लापरवाही का परिणाम।