जिंदा होने का सबूत लेकर निर्वाचन विभाग के दफ्तर में पहुंचा मृतक, अधिकारी बोले...BLO के पास जाओ..जिंदा हो जाओगे

वोटर लिस्ट में मृत घोषित आरा का मंटू पासवान निर्वाचन कार्यालय पहुंचा और बोला, हुजूर "मैं मरा नहीं जिंदा हूं!" अधिकारी बोले—BLO से मिलो, वहीं से जिंदा हो जाओगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 14 Aug 2025 05:37:44 PM IST

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आरा के मंटू का नाम कटा - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

PATNA: पटना में निर्वाचन विभाग के मेन गेट पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब अचानक मीडिया के कैमरे उस शख्स की तस्वीर लेने में लग गये जिसे SIR के ड्राफ्ट में मृत घोषित कर दिया गया। पिछले कई दिनों से विपक्ष के नेता यह दावा कर रहे थे कि वोटर लिस्ट से कई जीवित लोगों का नाम काट दिया गया है। आज गुरुवार को पटना में आरा से आया मंटू पासवान नामक एक शख्स चीख-चीख कर निर्वाचन विभाग में यह बोल रहा था कि हजूर मै जिंदा हूं..हाथ जोड़ रहा हूं कि मुझे जिंदा कर दीजिए मरा नहीं हूं। 


जिसके बाद राज्य निर्वाचन विभाग के अधिकारी ने यह कहकर उसे लौटा दिया कि जाओ उस BLO के पास जिसने मृत बताया है, उसे ही नया फ्रॉम भरके दे दो जिंदा हो जाओगे...यह सब तब हो रहा था जब लेफ्ट के बड़े नेता और विधायक SIR ड्राफ्ट में मरे हुए मंटू कुमार पासवान को कागज के साथ लेकर निर्वाचन चुनाव आयोग के ऑफिस पहुंचे थे। बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का हाल ऐसा है मानो यमराज ने चुनाव आयोग के कंप्यूटर पर हाथ फेर दिया हो और BLO के कलम से कई जिंदा लोग मृत घोषित हो गए।


सुप्रीम कोर्ट से लौटे आरा के मंटू  पासवान आज बिहार इलेक्शन कमीशन के कार्यालय पहुंचे थे। इनकी हालात देख पंकज त्रिपाठी की फिल्म कागज़ याद आ गई। जहाँ एक आदमी जिंदा होते हुए भी सरकारी रिकॉर्ड में मर चुका होता है और सालों तक यह साबित करता है कि "भाई, मैं अभी भी सांस ले रहा हूँ। आम जनता सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रही है, बीएलओ को पकड़कर कह रही है“हम जिंदा हैं बाबूजी, हमें फिर से लिस्ट में डाल दीजिए।


मंटू पासवान ने कहा कि निर्वाचन विभाग के पदाधिकारियों ने बीएलओ से मिलने को कहा है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस दौरान मंटू पासवान भी मौजूद था। सुप्रीम कोर्ट में उसने बताया की हुजूर मैं जिंदा हूं..फिर भी वोटर लिस्ट में मेरा नाम काट दिया गया है। मुझे जीते जी मार दिया गया है। वोटर लिस्ट में मुझे मरा हुआ बताया गया है। यह किसकी लापरवाही है यह तय होना चाहिए। निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने बीएलओ से मिलने की सलाह दी है।