1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 29 Sep 2025 07:01:40 AM IST
maa Kalratri vrat katha - फ़ोटो FILE PHOTO
BIHAR NEWS : शारदीय नवरात्रि का पर्व इस बार 22 अक्टूबर से आरंभ हुआ है और आज सप्तमी तिथि का दिन है। नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों के जीवन से नकारात्मक शक्तियां और भय दूर होते हैं। साथ ही अकाल मृत्यु का संकट टलता है और साधक को सिद्धियां प्राप्त होती हैं। मां कालरात्रि को शक्ति का प्रचंड स्वरूप माना गया है, जिनकी उपासना से भक्त को साहस, पराक्रम और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
नवरात्र की सप्तमी का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन से दुर्गा पूजा का पट खोलने की परंपरा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार माता का पट मूल नक्षत्र और सौभाग्य योग में खोला जा रहा है, जो अत्यंत शुभ माना जाता है। सप्तमी की रात को महानिशा पूजा भी की जाएगी, जिसका विशेष धार्मिक महत्व है। यह पूजा मध्यरात्रि में की जाती है और मान्यता है कि इससे मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों को हर प्रकार की बाधाओं से मुक्त करती हैं।
पटना समेत पूरे बिहार में इस अवसर को लेकर भव्य तैयारियां की गई हैं। राजधानी पटना के कई इलाकों में अलग-अलग थीम पर भव्य पंडाल सजाए गए हैं। कहीं मंदिरों की आकृति के पंडाल बनाए गए हैं तो कहीं आधुनिक कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। भक्तों की भीड़ सुबह से ही मां के दरबार में जुट रही है और जगह-जगह भक्ति गीतों और ढोल-नगाड़ों की गूंज माहौल को भक्तिमय बना रही है।
सप्तमी के दिन भक्त उपवास रखते हैं और मां कालरात्रि की पूजा में विशेष मंत्रों का जाप करते हैं। मां की आराधना के साथ ही कन्या पूजन और दान-पुण्य का भी विशेष महत्व माना गया है। कुल मिलाकर सप्तमी का यह दिन नवरात्रि की भक्ति साधना का अहम पड़ाव है, जब मां कालरात्रि की कृपा से भक्तों का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाता है।