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Bihar News : महिला DSP से रेप मामले में बिहार सरकार और IPS अधिकारी को नोटिस, जानिए मामला

Bihar News : बिहार में महिला पुलिसकर्मी से रेप मामले में अब अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। 29 दिसंबर 2014 को कैमूर में महिला पुलिस थाने में IPS अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Feb 2025 01:46:06 PM IST

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और IPS अधिकारी को जारी किया नोटिस - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

Bihar News : बिहार के आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद पर शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाते हुए एक महिला पुलिस अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म मामले में एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ अब महिला ने शीर्ष अदालत में याचिका लगाई है। उसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की है। 


जानकारी के अनुसार, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने इस मामले पर बिहार सरकार और आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद को नोटिस जारी किया है। इस मामले में महिला DSPP की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने दलील दी कि 19 सितंबर, 2024 का हाई कोर्ट का आदेश ‘‘किसी भी कानूनी कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला और मामले के तथ्यों से परे है।"


मालूम हो कि, महिला अधिकारी की शिकायत पर 29 दिसंबर, 2014 को बिहार के कैमूर में महिला पुलिस थाने में आईपीएस अधिकारी और उनके माता-पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तत्कालीन डीएसपी की शिकायत पर 29 दिसंबर 2014 को कैमूर के महिला पुलिस थाने में आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद और उनके माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आनंद पर बलात्कार और आपराधिक धमकी के अलावा अन्य आरोप लगाए गए थे। वहीं, उनके माता और पिता पर भी अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था।


इस मामले में महिला DSP ने आरोप लगाया कि जब वह भभुआ में डीएसपी के पद पर तैनात हुईं, तो उसके दो दिन के बाद ही तत्कालीन एसपी पुष्कर आनंद ने सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती का हाथ बढ़ाया। फिर दोनों के बीच बातचीत होती रही। पुष्कर आनंद ने महिला डीएसपी से शादी करने का वादा किया और दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने। बाद में कथित तौर पर कुंडली मिलान न आने का हवाला देते हुए आईपीएस के परिवार ने शादी से इनकार कर दिया।


इधर, पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में अपने फैसले में कहा था कि महिला और आनंद के बीच स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बने थे। अगर किसी कारणों से दोनों का रिश्ता नहीं हो पाया तो आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का औचित्य नहीं रखती। अदालत ने कहा था कि महिला काफी समय तक आईपीएस अफसर के साथ रिलेशन में थी। वह अपनी इच्छा से उसके साथ रही और शारीरिक संबंध बनाए थे। इस आधार पर आईपीसी की धारा 376 के तहत एफआईआर नहीं की जा सकती है।