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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 07 Mar 2025 06:59:59 PM IST
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Vigilance Raid in Bihar: बिहार का परिवहन विभाग आज फिर से चर्चा में है. चर्चा धनकुबेर अधिकारी को लेकर है. स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने आज (शुक्रवार) को एक भ्रष्ट जिला परिवहन पदाधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की. नालंदा के जिला परिवहन अधिकारी अनिल कुमार दास के खिलाफ आय से 94 लाख 90 हजार 606 रुपए अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया गया है. निगरानी कोर्ट से सर्च वारंट लेकर जांच एजेंसी ने डीटीओ के नालंदा और पटना के ठिकानों पर तलाशी . रेड के दौरान डीटीओ के ठिकानों से एक करोड़ की ज्वेलरी एवं डेढ़ करोड़ के जमीन के कागजात मिले हैं. अनिल कुमार दास एवं पत्नी के नाम पर पटना, दानापुर में आवासीय मकान, फ्लैट हैं. विभिन्न बैंकों में दोनों के नाम से बैंक खाता एवं एफडी में निवेश का पता चला है. वैसे नालंदा डीटीओ अकेले ऐसे अफसर नहीं हैं, जिन्होंने संपत्ति बनाई है. इस विभाग के कई ऐसे अफसर हैं, जिन्होंने पत्नी के नाम पर संपत्ति अर्जित कर सरकार की नजरों से बचने का प्रयास कर रहे. परिवहन विभाग के एक ऐसे ही मोटरयान निरीक्षक के बारे में जान लें.
परिवहन विभाग में काली कमाई के कितने कुबेर..?
परिवहन विभाग के एक 'मोटरयान निरीक्षक' स्तर के सरकारी सेवक हैं. इन्होंने 2014 से लेकर 2021-22 तक पत्नी के नाम पर 5-6 से अधिक प्लॉट की खरीद की. सभी कागजातों में पत्नी को हाऊस वाइफ बताया. जमीन निबंधन के कई कागजात में अपना स्थाई पता रोहतास और दो में पटना के शाष्त्रीनगर मोहल्ले का उल्लेख किया. जमीन खरीदते समय पत्नी हाऊस वाइफ थीं...लेकिन संपत्ति का ब्योरा देते समय वाईफ बिजनेसमैन हो गईं. लिहाजा एक भी संपत्ति की जानकारी साझा नहीं किया. 2024 तक का रिकार्ड इसकी गवाही दे रहा है.
संपत्ति अर्जित करना गलत नहीं, छुपाना अपराध
दरअसल, परिवहन विभाग के पर्यवेक्षकीय संवर्ग के इस सरकारी सेवक ने पत्नी के नाम पर तो अकूत संपत्ति अर्जित की है. अब विभाग के मोटर यान निरीक्षक की पोल खुलते हुए दिख रही है. संपत्ति अर्जित करना गलत नहीं, लेकिन सरकार की आंख में धूल झोककर संपत्ति बनाना, सरकारी सेवा में रहने के दौरान अवैध तरीके से संपत्ति बनाना अपराध है. सरकार की जांच एजेंसियां समय-समय पर ऐसे धनकुबेरों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं. इस धनकुबेर मोटर निरीक्षक की संपत्ति का हिसाब-किताब जान लीजिए. NOV 2014 की बात कर लेते हैं. परिवहन विभाग के इस मोटर इंस्पेक्टर ने पत्नी अ#### (हाऊस वाइफ) के नाम पर रोहतास जिले के नोखा में 8 डिसमिल जमीन, वैल्यू लगभग 17 लाख रू से अधिक, लैंड टाइप- डेवलपिंग. पत्नी का एड्रेस है.. जिला रोहतास बताया गया है.
अब बात जुलाई 2020 की. नोखा इलाके में सिंचित भूमि 62.50 एकड़,(सरकारी मूल्य- 5 लाख 82 हजार) का निबंधन पत्नी अ#### ती (हाऊस वाइफ) के नाम पर किया गया. इस निबंधन पेपर में पता राजधानी पटना(शाष्त्रीनगर) का दिया गया है. अक्टूबर 2011 को पत्नी अ#### (हाऊस वाईफ) और एक और महिला के नाम पर ज्वाइंट तिलौथू सर्किल में 28 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराई गई. सरकारी वैल्यू दिखाय गया... 250000 रू.
जून 2021 को पत्नी अ#### (हाऊस वाइफ,पता पटना) और एक और ##### कुमार के नाम पर दिनारा सर्किल में सिंचित भूमि चार टूकड़ा में जमीन कुल रकबा- (25,69,30,27 डिसमिल) यानि 151 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। इसके अलावे भी कई प्लॉट हैं, जिसके बारे में उल्लेख करेंगे. परिवहन इंस्पेक्टर ने 2024 में भी पत्नी के नाम पर संपत्ति अर्जित की है.
आगे बताते हैं....परिवहन विभाग के पर्यवेक्षकीय संवर्ग के सरकारी सेवक के बारे में बताया जाता है कि ये उत्तर बिहार के बड़े शहर में पदस्थापित हैं. बड़ा के साथ-साथ एक छोटा जिला गिफ्ट के तौर पर मिला हुआ है. वैसे बता दें, 2023 में सस्पेंड भी हुए. इसके बाद इनका निलंबन तोड़ा गया, पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे, फिर दो जिलों का दायित्व दिया गया. आगे बताएं कि, इस मोटर निरीक्षक के खिलाफ 2016 में निगरानी ब्यूरो ने (AOPA) के तहत केस दर्ज किया था. तब ये उप्र सीमा से सटे जिला में पदस्थापित थे. निगरानी ब्यूरो में यह केस अभी जांच में ही है. यानि आठ सालों से निगरानी ने केस को जांच में रखा है.